कंपनी को राहत…जमीन सरकार की
चंबा – जिला के होली क्षेत्र में निर्माणाधीन जीएमआर पावर प्रोजेक्ट के परियोजना प्रबंधन द्वारा निजी भूमि पर बैंक से 1405 करोड़ का ऋण लेने के कथित मुद्दे को लेकर जिला प्रशासन ने अपनी प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है। ये जांच उपायुक्त के निर्देश पर एडीएम भरमौर ने की। एडीएम ने जांच प्रक्रिया निपटाकर रिपोर्ट आगामी कार्रवाई हेतु सोमवार को डीसी चंबा को सौंप दी है। जिला प्रशासन की इस रिपोर्ट से पावर प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य में जुटी जीएमआर कंपनी ने राहत की सांस ली है। उपायुक्त सुदेश मोख्टा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह साफ हो गया है कि इस परियोजना की पानी की सुरंग जमीन से 200-225 मीटर नीचे है। यह भूमिगत सुरंग क्योंकि जमीन के काफी नीचे स्थित है, ऐसे में उस पर निजी भूमि मालिक का कोई मालिकाना हक नहीं बनता है। इसका कानूनन हक सरकार का है, जिसे बैंक द्वारा गलत समझा गया, जबकि सतह की भूमि का मालिकाना हक जमीन मालिकों का है। जिसे वे अपने किसी भी प्रयोजन के लिए कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व रिकार्ड में इसको लेकर जो इंद्राज हुए थे उन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दे दिए गए हैं। इस पर अब एडीएम भरमौर अपनी कार्रवाई करके रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपेंगे, ताकि लोगों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि परियोजना प्रबंधन ने जो ऋण लिया है वो सरकार के मालिकाना हक वाली जमीन के आधार पर लिया है।
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