3 % की दर से सात साल की इन्क्रीमेंट

By: Aug 21st, 2017 12:01 am

शिमला  —  विद्या उपासकों को शिक्षा विभाग ने तीन फीसदी की दर से सात साल के वित्तीय लाभ देने के निर्देश जारी किए हैं। ये निर्देश उच्चतम न्यायालय के आदेशों के आधार पर जारी किए गए हैं। विभाग के निर्देशों के मुताबिक विद्या उपासकों को नियुक्ति के एक साल पूरे होने के समय से तीन फीसदी लाभ दिया जाएगा। इसके मुताबिक 2000 से 2001 तक 2500 रुपए मानदेय, 2002 में 2575, 2003 में 2552, 2004 में 2732, 2005 में 2814, 2006 में 2898 और 2007 का 3413 रुपए पर तीन फीसदी इन्क्रीमेंट लाभ दिया जाएगा।  सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के 1600 विद्या उपासकों को इन्क्रीमेंट के लाभ मिलेंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को यह लाभ देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब यह लाभ शिक्षकों को बीते सात सालों का हिसाब कर एरियर के तौर पर दिया जाएगा। इस संबंध में प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने सभी उपनिदेशकों को निर्देश जारी कर प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। विभाग ने इस दौरान ग्रामीण विद्या उपासकों के जीपीएफ फार्म भरने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इन ग्रामीण विद्या उपासकों को अब पुरानी पेंशन योजना में लाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि विभाग ने ग्रामीण विद्या उपासकों के वेतन से ईपीएफ न काटने के निर्देश दिए हैं और उन्हें जीपीएफ के दायरे में लाने को कहा है।   इन्क्रीमेंट और पेंशन के लाभ लेने के लिए ग्रामीण विद्या उपासक सुप्रीम कोर्ट गए थे। इन ग्रामीण विद्या उपासकों को सरकार द्वारा वर्ष 2000 में नियुक्ति दी गई थी। इस दौरान सरकार ने इन्हें मानदेय पर फिक्स किया था। सात साल तक ये शिक्षक मानदेय पर ही काम कर रहे थे।  वर्ष 2007 में ये शिक्षक नियमित हुए और उन्हें जेबीटी का स्केल दिया गया। वहीं, प्रदेश में ग्रामीण विद्या उपासक नीति 2001 में बनाई गई थी, लेकिन सरकार ने उन्हें पुरानी पेंशन नीति के बजाय नई पेंशन नीति में डाला। इससे नाराज होकर प्रदेश संघ के सदस्यों ने मामले को कोर्ट में चुनौती दी और पुरानी पेंशन नीति के अंतर्गत उन्हें लाभ देने की मांग की थी।

जल्द रेगुलर हों अनुबंध कर्मचारी

शिमला – प्रदेश सरकार 30 सितंबर, 2017 को तीन साल पूरा करने वाले हजारों अनुबंध कर्मियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया को अतिशीघ्र शुरू करने के निर्देश सभी संबंधित विभागों को दे। इससे उचित समय पर सभी औपचारिकताओं को पूरा करके हजारों अनुबंध कर्मचारियों को लाभ मिल सकेगा। अनुबंध कर्मचारीमहासंघ के राज्य अध्यक्ष सूरज चौहान, वित्त सचिव अवनीत सरकेक, प्रेस सचिव सुशील चंदेल, सचिव शैल चौहान, सचिव नवीन ठाकुर,  संयुक्त सचिव अरुण नारटा व दिवेश, कांगड़ा से मोहिंद्र सिंह, गुलशन, विनय कुमार, बलविंद्र कुमार, मंडी से संदीप वर्मा, राजेश राव, अविनाश भलारिया, ऊना से अरुण पाठक, विनोद लुडू, रवीश बग्गा, बिलासपुर से भूपेंद्र ठाकुर, अब्दुल, सुनील,  सेनपाल, हमीरपुर से परमवीर, अनुराग, रजनीश पटियाल, सोलन से घनश्याम, मोहिंद्र कुमार, कुल्लू से सोमेश डोगरा, शिमला से नितिन ठाकुर, दिवेश, दिनेश व रमेश डोगरा ने विश्वास जताया है कि प्रदेश सरकार नियमितीकरण की प्रक्रिया को अति शीघ्र शुरू करने के आदेश देगी।

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