सरकारी आवास में फटा सिलेंडर

By: Dec 10th, 2017 12:05 am

कुल्लू नगर परिषद में भड़की लपटें; एक झुलसा, लाखों का नुकसान

कुल्लू — शुक्रवार देर शाम नगर परिषद कुल्लू की आवासीय कालोनी में एक कर्मचारी के कमरे में सिलेंडर लीक होने से रसोई घर में आग लग गई। इस दौरान करीब तीन लाख रुपए का नुकसान बताया जा रहा है।  प्रभावित परिवार रात के खाने की तैयारी कर रहा था कि इसी बीच रसोईघर में सिलेंडर खत्म होने पर महिला ने नए सिलेंडर को जब गैस के साथ जोड़ा तो गैस जलाने पर सिलेंडर ने आग पकड़ ली। जहां पर चंद ही मिनटों में आग ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। हालांकि परिवार के सदस्यों ने सिलेंडर को कमरे से बाहर करने की कोशिश की, लेकिन इस बीच रसोई घर से लेकर दूसरे कमरे तक लेजाते वक्त  सिलेंडर फटने से यह हादसा काफी बढ़ गया, जिसमें प्रभावित परिवार के मुख्य नगर परिषद कर्मचारी नारायण ठाकुर का चेहरा पूरी तरह से झुलस गया है। आग लगने से कमरे में रखा लैपटाप, एलईडी सहित जरूरत की चीजें जहां राख के ढेर में तबदील हुए हैं, वहीं घर का सारा सामान भी जलकर राख हो गया। देर रात हुई आगजनी की घटना के दौरान प्रभावित परिवार के सदस्यों ने पूरी आवासीय कालोनी को बचाने के लिए सिलेंडर को घर से बाहर निकालने के लिए जो कोशिश की गई, उसी वजह से करोड़ों के सरकारी भवन को जलने से बचाया। शनिवार को प्रभावित परिवार को सांत्वना देने के लिए यहां सुबह से ही शाम तक तांता लगा रहा। नगर परिषद अध्यक्ष बिमला महंत, उपाध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत, पार्षद तरुण विमल, कुब्जा ठाकुर, उष्मज शर्मा, पूजा शर्मा, राजेंद्र सूद, अनिता शर्मा, गोपी चंद, राहुल बोद्ध, सोनी देवी ने घटना पर दुख जताया है। सभी लोगों का कहना है कि प्रभावित परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उधर, प्रभावित परिवार के सदस्य नगर परिषद के कर्मचारी नारायण ठाकुर जो कि आग की चपेट में आया है को क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में उपचार के बाद घर भेज दिया गया है।

12 फुट ऊंचाई से छलांग लगा बचाई जान

प्रभावित परिवार के सदस्य नगर परिषद के कर्मचारी नारायण ठाकुर ने बताया कि उन्होंने व उनके बेटे ने सिलेंडर को बाहर निकालने की काफी कोशिश की, लेकिन दूसरे कमरे में पहुंचते ही सिलेंडर फट गया। जहां पर वे भी आग की चपेट में आ गए और उनके बेटे अतुल ने करीब 12 फुट की ऊंचाई से छलांग लगाकर अपनी जान बचाई। उन्होंने बताया कि इस आगजनी की घटना में लाखों का नुकसान झेलना पड़ा है।

अग्निशमन विभाग ने पूछताछ में गंवाया समय

लोगों की मानें तो जब अग्निशमन विभाग को घटना की जानकारी दी गई तो पांच मिनट तक जानकारी देने वाले व्यक्ति पर फोन पर ही जानकारी ली जाने लगी, जबकि इस तरह की घटना में सूचना मिलते ही विभाग के कर्मियों को आग पर काबू पाने के लिए पहुंचना चाहिए था, लेकिन कर्मी ने फोन पर ही किसके घर, कहां, कैसे  और कब आग लगी, कितने बजे लगी, सब जवाब पूछने में ही समय व्यतीत कर दिया। दमकल विभाग ने घटना स्थल पर पहुंचकर नुकसान का आकलन किया और करीब तीन लाख का नुकसान और 80 लाख के बचाव की जानकारी दी।

धमाका सुनते ही मदद को भागे लोग

नारायण ठाकुर ने बताया कि गैस सिलेंडर का धमाका इतना जोर का था कि आसपास के लोग  आवाज सुनते ही तुरंत मदद के लिए मौके पर पहुंचे। उधर, मदद के लिए पहुंचे लोगों ने बताया कि अग्निशमन विभाग के कर्मी भी आगजनी की घटना के करीब एक घंटे बाद पहुंचे, तब तक लोगों की मदद से काफी हद तक आग पर काबू पा लिया

गया था।


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