अब अंक नहीं मिलेगी स्माइली
मध्य प्रदेश में नई पहल
भोपाल— छोटे बच्चों को स्कूल में भयमुक्त और पढ़ाई के साथ आंनददायी माहौल देने के लिए मध्य प्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग इस वर्ष से एक नया प्रयोग करने जा रहा है। अब पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों का मूल्यांकन उत्तर-पुस्तिका के बजाय अभ्यास-पुस्तिका के आधार पर किया जाएगा। इसके साथ ही अब उन्हें प्राप्तांक के स्थान पर अब ‘स्माइली’ दी जाएगी। मंगलवार को विभाग की तरफ से इसकी आधिकारिक घोषणा की गई। मंगलवार को प्रदेश के सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में होने वाले वार्षिक मूल्यांकन की तिथियां राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा घोषित की गईं। तय कार्यक्रम के अनुसार कक्षा तीसरी से आठवीं तक का वार्षिक मूल्यांकन का कार्य इस वर्ष सात मार्च से 31 मार्च तक होगा। इसके साथ ही यह निर्णय हुआ कि कक्षा पहली और दूसरी के विद्यार्थियों का मूल्यांकन उत्तर-पुस्तिका के स्थान पर अभ्यास-पुस्तिका के आधार पर किया जाएगा। दरअसल, अनिवार्य शिक्षा अधिनियम (आरटीई-2009) में भी विद्यार्थियों के सतत एवं व्यापक मूल्यांकन किए जाने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में अब इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि स्कूल में छोटे बच्चों को भयमुक्त और आनंददायी माहौल दिया जाए। माना जा रहा है कि इससे बच्चों की अध्ययन क्षमता में भी विकास होगा और पढा़ई में उनकी दिलचस्पी भी बढ़ेगी। ऐसे में अब सरकारी स्कूलों की पहली और दूसरी कक्षा में बच्चों का 50 प्रतिशत लिखित और 50 प्रतिशत मौखिक रूप से मूल्यांकन किया जाएगा।
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