कन्या भ्रूण की रक्षक

By: Feb 8th, 2018 12:05 am

डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर

पूजा, पूजा योग्य है, खूब गिराई गाज,

देवी को दी जिंदगी, इस देवी ने आज।

रेणु के नेतृत्व में, खूब बिछाया जाल,

कन्या को जीवन दिया, नारी शक्ति कमाल।

स्टिंग आपेरशन चला, वाह-वाह क्या बात,

बड़ी-बड़ी हैं मछलियां, मगरमच्छ हैं साथ।

मोटी थैली थाम ली, भरा हाथ में खून,

अब सरकारी महल में, होगा खूब सुकून।

ईश्वर का वह रूप ही, फैलाता था गंद,

अब घुमारवीं में करें, कन्या पूजन बंद।

रोटी से भरता नहीं, इन भूखों का पेट,

हीरे-मोती खा रहे, बन गए धन्नासेठ।

देवी मंदिर जा रहे, रचते नाटक स्वांग,

कन्या की हत्या करी, पुत्र रहे अब मांग।

ज्ञान लिया इतिहास से, बन गए औरंगजेब,

तृष्णा बढ़ती काटते रहे, बाप की ही जेब।

ऊंचे अफसर थे पिता, वृद्धाश्रम में आज,

श्रवण मस्त, न्यूयार्क में, क्योंकर आए लाज।

छोटू है व्यापार में, सोने की है भूख,

बिटिया पानी दे रही है, गला गया जब सूख।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App