कबड्डी में हिमाचल को पहला स्वर्ण पदक

By: Feb 5th, 2018 12:10 am

भूपिंदर सिंह

लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं

65वीं वरिष्ठ राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता में हिमाचल की बालाओं ने पहली बार किसी भी वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रतियोगिता का टीम स्वर्ण पदक जीत कर हिमाचल को गौरव दिलाया है। इस टीम की अधिकांश लड़कियां धर्मशाला के साई खेल छात्रावास, राज्य खेल छात्रावास बिलासपुर तथा सिरड़ा कबड्डी प्रशिक्षण केंद्र, सुंदरनगर की हैं…

टीपू सुल्तान के वालिद हैदरअली के नाम से पहचाने जाने वाले शहर हैदराबाद में आयोजित 65वीं वरिष्ठ राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता में हिमाचल की बालाओं ने पहली बार किसी भी वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रतियोगिता का टीम स्वर्ण पदक जीत कर हिमाचल को गौरव दिलाया है। व्यक्तिगत स्पर्धा में तो सुमन रावत ने 1983 में चेन्नई में आयोजित राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में तीन हजार मीटर की दौड़ में हिमाचल को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। उसके बाद वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, कुश्ती तथा शूटिंग में तो स्वर्ण पदक मिलते रहे हैं, मगर टीम स्पर्धा में यह कमाल अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पूजा ठाकुर के नेतृत्व में कविता ठाकुर, निधि, प्रियंका नेगी, ललिता, पुष्पा, राजेंद्र कौर, निर्मला, ज्योति, देविका व भावना ने अपने-अपने खेल का उत्कृष्ट प्रदर्शन करके किया है। इस टीम की अधिकांश लड़कियां धर्मशाला के साई खेल छात्रावास, राज्य खेल छात्रावास बिलासपुर तथा सिरड़ा कबड्डी प्रशिक्षण केंद्र सुंदरनगर की हैं।

पूजा ठाकुर व कविता ठाकुर 2014 एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय टीम की सदस्य हैं। प्रियंका नेगी भी विश्व कप विजेता टीम की सदस्य रही हैं। हिमाचल को कनिष्ठ राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में तो पहले भी कई बार रजत व कांस्य पदक मिलते रहे हैं। स्कूली राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से लेकर अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय खेलों तक हिमाचल को रजत व कांस्य पदक मिले हैं। मगर इस पहले वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रतियोगिता के नीचे पूर्व में होने वाले राष्ट्रीय महिला खेलों की कबड्डी प्रतियोगिता में पूर्व साई कबड्डी प्रशिक्षक दया राम चौधरी ने 18 वर्ष पूर्व राजस्थान की राजधानी में आयोजित राष्ट्रीय महिला खेलों में पहली बार अपनी ट्रेनी के सहारे हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी में पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। उस समय राज्य में कोई भी खेल छात्रावास नहीं होता था। दया राम चौधरी उस समय जिला खेल केंद्र, मंडी में नियुक्त थे तथा सुंदरनगर में अपने खेत के एक किनारे कबड्डी फील्ड बनाकर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाते थे। उसके बाद राज्य में भारतीय खेल प्राधिकरण के खेल छात्रावास, धर्मशाला में कबड्डी खेल को शामिल किया तथा प्रशिक्षक मेहर चंद वर्मा ने पूरी ईमानदारी के साथ लगभग डेढ़ दशक तक ईमानदारी व कठिन परिश्रम से हिमाचल की बालाओं को राष्ट्रीय स्तर पर कई जगह पदक दिलाने में सहायता करवाई है।

एशियाई स्वर्ण पदक विजेता पूजा ठाकुर व कविता ठाकुर, मेहर चंद वर्मा के प्रशिक्षण की ही देन हैं। उसके बाद राज्य खेल छात्रावास बिलासपुर में कबड्डी खेल को शामिल किया गया। स्वर्गीय दौलत ठाकुर के प्रशिक्षण में वहां भी कबड्डी पर अच्छा कार्य शुरू हुआ। उनके बाद प्रशिक्षक रतन ठाकुर ने इन लड़कियों को तराशा और हिमाचल को राष्ट्रीय स्तर पर कई अच्छी खिलाड़ी बेहतरीन खिलाडि़नें दीं। हिमाचल प्रदेश में प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रबंधन में पूर्व साई प्रशिक्षक व हिमाचल कबड्डी संघ के पूर्व सचिव ठाकुर नंद लाल के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हिमाचल में कबड्डी के प्रचार व प्रसार के लिए जहां ठाकुर नंद लाल ने सचिव के रूप में कई वर्षों तक कार्य किया, वहीं ठाकुर राम लाल ने संघ के अध्यक्ष के रूप में हिमाचल कबड्डी को हर सहायता दी।

हिमाचल में कबड्डी के उत्थान में कई शारीरिक शिक्षकों का भी बड़ा योगदान रहा है। सिरमौर के ठाकुर हीरा लाल ने भी राज्य में महिला कबड्डी के लिए बहुत काम किया है। हिमाचल प्रदेश में इस समय दया राम चौधरी अपनी सेवानिवृत्ति के बाद एक बार फिर नए जोश से सुंदरनगर के सिरड़ा संस्थान में कबड्डी का प्रशिक्षण केंद्र चलाए हुए हैं। मेहर चंद वर्मा भी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वर्मा के पास बहुत लंबा अनुभव है। अब तक इसी अनुभव के बलबूते उन्होंने हिमाचल के हाकी खेल में प्रदर्शन को सुधारने में बड़ा योगदान दिया है। आज राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविरों में प्रशिक्षक 70 वर्ष की आयु तक तक प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसलिए हिमाचल सरकार या साई को वर्मा की सेवाओं को जरूर लेना चाहिए। जब तक यह सब नहीं हो जाता है, राज्य कबड्डी संघ को ही कुछ ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि हिमाचल की बालाओं को वर्मा जैसे प्रशिक्षक का प्रशिक्षण मिल सके। हिमाचल प्रदेश कबड्डी संघ के वर्तमान अध्यक्ष राज कुमार तथा महासचिव रतन ठाकुर को राज्य कबड्डी के इस उत्कृष्ट प्रदर्शन को बनाए रखने के लिए पूरे प्रयत्न करने होंगे। हिमाचल में इस समय पुरुष कबड्डी में भी अजय ठाकुर सहित कई अच्छे खिलाड़ी मौजूद हैं। राज्य में कबड्डी के खिलाड़ी इस समय सबसे उत्कृष्ट परिणाम राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दे रहे हैं। उम्मीद है हिमाचल प्रदेश के इस गौरव को बनाए रखने के लिए प्रशिक्षक व राज्य कबड्डी संघ जरूर कोई सार्थक योजना बनाकर उसे प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करेंगे।

ई-मेल : penaltycorner007@rediffmail.com 


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