शहीद स्मारकों में शूरवीरों की गाथा

By: Feb 13th, 2018 12:05 am

बिलासपुर— वीरभूमि बिलासपुर के शूरवीरों की गाथा अब शहीद स्मारक में दर्ज होगी। इस बाबत जिला प्रशासन ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। इस स्मारक में बिलासपुरी बोली के साथ साथ हिंदी भाषा में भी वीर सैनिकों की गाथाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। खास बात यह है कि योजना को मूर्तरूप देने के लिए प्रशासन की ओर से जल्द ही एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर वीर सैनिकों के परिवारजनों और नामी एनजीओ के अलावा पूर्व सैनिकों के आवश्यक सुझाव लिए जाएंगे। शहीद स्मारक में निश्चित तौर पर यहां के वीर सैनिकों को सही तौर पर सम्मान व सच्ची श्रद्धांजलि देने का प्रयास है। उल्लेखनीय है कि बीती 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर जिला स्तरीय कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पधारे प्रदेश के वन एवं परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने शहीद स्मारक में यह कहा था कि भारत वर्ष को गुलामी की बेडि़यों से आजाद कराने के लिए बिलासपुर के लोगों का अविस्मरणीय योगदान रहा है। वीरभूमि बिलासपुर से ऐसे महान शूरवीर पैदा हुए जिन्होंने अपने देश की एकता व अखंडता तथा देश की रक्षा के लिए शहादत दी। यही नहीं, पहला विक्टोरिया क्रॉस प्राप्त करने का गौरव भी बिलासपुर को जाता है और कारगिल युद्ध में देश के वीरों को दिए गए चार परमवीर चक्रों में से दो हिमाचल के वीरों को प्रदान किए गए हैं इसलिए बिलासपुर में चंगर स्थित शहीद स्मारक के सौंदर्यकरण के लिए व्यापक प्रयास किए जाएंगे और इसे भव्य रूप देने के लिए एक व्यापक योजना बनाई जाएगी। इसमें लाइट एंड साउंड शो की व्यवस्था करके यहां के शहीद वीर सैनिकों को सही तौर पर सम्मान व श्रद्धांजलि देने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा इस स्मारक में बिलासपुरी बोली तथा हिंदी बोली में वीर सैनिकों की गाथाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। मंत्री के ऐलान के बाद जिला प्रशासन ने योजना को फलीभूत करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि जिला प्रशासन शीघ्र ही बड़े स्तर पर एक कार्यक्रम का आयोजन करेगा। इसमें वीर सैनिकों के परिजनों के साथ ही पूर्व सैनिकों और नामी एनजीओ को आमंत्रित किया जाएगा। योजना के बाबत इन सभी से आवश्यक सुझाव भी लिए जाएंगे। जनसहयोग से इस योजना को मूर्तरूप देने की तैयारी है। यहां बता दें कि 1965, 1971 के अलावा कारगिल युद्ध के शहीदों के नाम अंकित हैं, लेकिन अब इनकी गाथा को भी प्रदर्शित करने का निर्णय लिया गया है जिसके लिए बाकायदा वन एवं परिवहन मंत्री द्वारा घोषणा की गई है। इस पर जिला प्रशासन की ओर से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। उधर, इस संदर्भ में मोबाइल के जरिए संपर्क साधने पर जिलाधीश बिलासपुर विवेक भाटिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शहीद स्मारक में जल्द ही विभिन्न स्माराकों में शहीद हुए वीर सैनिकों की गाथाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही एक कार्यक्रम का आयोजन कर वीर सैनिकों के परिवारजनों, विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं और पूर्वसैनिकों को आमंत्रित कर उनके बहुमूल्य सुझाव लिए जाएंगे। जनसहयोग से इस योजना को क्रियाविंत किया जाएगा।

कुरुक्षेत्र की तर्ज पर बनेंगे स्मारक

कुरुक्षेत्र में भी शहीदों के सम्मान के लिए ऐसी एक योजना बनी थी जिसे क्रियान्वित करने के लिए वहां के प्रशासन द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें वहां के वीर सैनिक परिवारों, पूर्व सैनिकों के साथ ही विभिन्न संस्थाओं के सुझाव लिए गए थे और सभी के सहयोग से शहीदों की गाथाओं को प्रदर्शित किया गया। कुछ इसी तर्ज पर बिलासपुर में भी योजना को मूर्तरूप देने की तैयारी है।


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