जज की कुर्सी पर गायिका नेहा कक्कड़

By: Jul 15th, 2018 12:07 am

मशहूर गायिका नेहा कक्कड़ सोनी एंटरटेनमेंट के लोकप्रिय सिंगिंग रियलिटी शो इंडियन आइडल में बतौर जज आ रही हैं। प्रस्तुत हैं नेहा कक्कड़ से उनके शो को लेकर हुई वार्ता के प्रमुख अंश…

इंडियन आइडल 2 जिसमें आपने हिस्सा लिया था, उसने आपकी जिंदगी बदल दी। उसी शो में एक जज के तौर पर वापसी करके कैसा लगता है?

मेरे ख्याल से मैं यह कह सकती हूं कि मैं आज घूमकर वहीं आ गई हूं। मैंने ‘इंडियन आइडल सीजन-2 में एक प्रतियोगी के तौर पर शुरुआत की थी और अब इसके दसवें सीजन में जज की कुर्सी में बैठी हूं। बिलकुल, यह बेहतरीन लगता है। यह सब मेरे फैंस और शुभचिंतकों के प्यार और शुभकामनाओं की वजह से संभव हुआ है कि यह लाजवाब बात हुई। हर बार जब मैंने ऑडिशंस के दौरान किसी प्रतिभाशाली प्रतियोगी को परफॉर्म करते देखा है, तो मुझे उनमें अपनी ही छवि दिखाई दी है। इससे मैं उन पुराने अच्छे दिनों की यादों में खो गई जब मैंने भी इंडियन आइडल बनने के लिए ऑडिशन दिया था।

आपके समय से हमारे देश में सिंगिंग प्रतिभा कैसे विकसित हो गई है?

मैंने कोई ऐसा नोटिस करने योग्य अंतर नहीं देखा है। प्रतिभा हमेशा महत्त्वपूर्ण रही है, हालांकि व्यक्ति का बर्ताव और दृष्टिकोण काफी अलग है। मुझे अपने जजों के साथ काफी घबराया हुआ होना याद है। इन दिनों प्रतियोगी में काफी आत्मविश्वास है और बहुत कम ही घबराए हुए दिखते हैं। वे आत्मविश्वास और रुतबे के साथ गाते हैं। कोई भी आसानी से उस कड़ी मेहनत और कोशिश को समझ और देख सकता है, जो एक प्रतियोगी ने इतने सालों में लगाया है। भारत में प्रतिभा फलफूल रही है और इंडियन आइडल का हर सीजन बेहतरीन सिंगर्स को सामने लाया है।

आपको शो के भावनात्मक पहलू के रूप में माना गया है। आपका क्या कहना है?

खैर, मैं बहुत ज्यादा भावुक और सेंसिटिव  हूं। मेरे ख्याल से मैं हमेशा से ही ऐसी रही हूं। जब मैं किसी सिंगर को भावना के साथ गाते देखती हूं, तो यह मेरे दिल को छू जाता है। मैं विभिन्न स्तरों पर हर प्रतियोगी से जुड़ती हूं, क्योंकि आज वे जहां हैं मैं भी उस जगह पर रही हूं। इंडियन आइडल का शीर्षक जीतने के लिए देश की सबसे अच्छी प्रतिभा के साथ प्रतिस्पर्धा करना। मुझे लगता है कि लोगों को मेरे बारे में यही पसंद है। मैं किसी भी स्थान पर अपनी भावनाओं को नहीं छिपाती हूं और अपने दिल को अपने हाथ पर रखती हूं।

अनु मलिक इस शो पर सबसे नियमित जज हैं। विशाल ददलानी ने भी  इंडियन आइडल जूनियर के दो सीजन्स को जज किया है। एक जज के तौर पर शो में नया होने के नाते, क्या उन्होंने आपको कोई टिप्स दी?

मैंने पहले भी बच्चों के लिए एक सिंगिंग रियलिटी शो को जज किया है। हालांकि, मुझे लगता है कि हर चैनल का एक निश्चित फॉर्मेट होता है, जिसे वे फॉलो करना चाहते हैं। इसका मूल फंडा खुद जैसा रहना है, साफ  रहना और मजे लेना है। अनुजी और विशाल के साथ काम करना बेहतरीन अनुभव है।

इस उद्योग में एक स्थापित सिंगर बनने के लिए उसी प्रक्रिया से गुजर रहे प्रतियोगियों को आप क्या सुझाव देना चाहेंगी?

सभी प्रतियोगियों को मेरा एकमात्र सुझाव यह है कि इस मौके का पूरा फायदा उठाओ और ध्यान केंद्रित रखो, क्योंकि यह समय वापस नहीं आएगा। इंडियन आइडल दुनियाभर में पहचान वाला सबसे अच्छे प्लेटफार्म्स में से एक है। एक बार कोई सिंगर फाइनल्स तक पहुंच जाए तो कई सारे मौके आपका इंतजार करते हैं।

क्या आप प्रतियोगियों की कहानियों और सफर में खुद को खोजती हैं?

हां, मैं कई प्रतियोगियों में टीनेज नेहा कक्कड़ देखती हूं। इसी वजह से मैं उनके साथ जुड़ सकती हूं और सहानुभूति रखती हूं। जब भी प्रतियोगी उन दुष्कर संघर्षों के बारे में बताते हैं, जिनसे वे गुजरे हैं, तो मेरे आंसू आ जाते हैं।

एक प्रतियोगी के तौर पर यादगार घटनां के बारे में हमें बताएं?

मैं जब भी एक प्रतियोगी के तौर पर स्टेज पर जाती तो मेरा दिल जोर से धड़कने लगता। फिर, कुछ मिनट्स तक अपनी परफॉर्मेंस देने के बाद चीजें वापस सामान्य हो जातीं। इंडियन आइडल में एक प्रतियोगी के तौर पर मैंने बहुत अच्छा समय बिताया था, क्योंकि यह नेशनल टेलीविजन पर मेरा पहला प्रदर्शन था।  खाने के समय की मस्ती, ये सभी पल जब भी मैं याद करती हूं तो मेरी आंखों के सामने ये घूमने लगते हैं। यह ‘इंडियन आइडल’ का जादू है।

— अजय शर्मा, दिल्ली


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