एसएमसी से रखे जाएंगे टीचर

By: Aug 18th, 2018 12:20 am

प्रदेश सरकार ने जारी किए निर्देश; सरकारी स्कूलों में दूर होगी शिक्षकों की कमी, छात्रों को मिलेगी राहत

शिमला— हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को एमएमसी शिक्षकों से भरा जाएगा। राज्य के जिन जनजातीय क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक नहीं हैं, वहां पर जल्द ही एसएमसी के तहत शिक्षक तैनात करने के आदेश सरकार की ओर से जारी हुए हैं। राज्य सरकार ने इस बारे में शिक्षा विभाग को आदेश जारी कर दिए हैं। सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है, ताकि लंबे समय तक स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली न रहे। बता दें कि साक्षात्कार के माध्यम से स्कूलों में शिक्षकों के पदों को भरने के लिए काफी लंबा प्रोसेस है। शिक्षा निदेशालय में रोजाना शिकायतें आ रही हैं कि कई सरकारी स्कूलों में साइंस विषय से जुड़े शिक्षकों के पद खाली चले हुए हैं। यही वजह है कि शिक्षा विभाग के दबाव के चलते सरकार ने यह फैसला लिया है कि जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, वहां पर एसएमसी के माध्यम से शिक्षकों के पदों को भरा जाएगा। पिछले दो वर्षों से एसएमसी के तहत भर्ती पर लगे प्रतिबंध को सरकार ने हटा दिया है, और नियमित शिक्षकों की भर्ती के बाद प्रदेश के दूरदराज और जनजातीय क्षेत्रों में एसएमसी के आधार पर स्कूलों में शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा। मंत्रिमंडल से भी इसको हरी झंडी मिल गई है। सूत्रों की मानें, तो सालों से सेवाएं देने वाले एसएमसी शिक्षकों को पालिसी बनाने को लेकर अभी तक मंत्रिमंडल में भी सहमति नहीं बन पा रही है। उल्लेखनीय है कि स्कूलों में सेवारत एसएमसी शिक्षकों को सरकार प्रति पीरियड ग्रांट देती है और अवकाश की कोई ग्रांट इन्हें नहीं मिलती है। हालांकि पूर्व सरकार में तैनात किए गए एसएमसी शिक्षकों को हर साल सेवाविस्तार दिया जाता रहा है, लेकिन नई कोई भर्ती इसके तहत नहीं की जा रही थी। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में जहां नियमित शिक्षक नहीं पहुंच पाते हैं, वहां पर एसएमसी के  तहत शिक्षकों की नियुक्ति नए सिरे से की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्रों को पढ़ाने का जिम्मा भी केवल उन्हीं को दिया जाएगा, जो पूरी तरह से शिक्षक बनने के योग्य होंगे। इसके लिए बाकायदा साक्षात्कार करवाए जाएंगे, जिसके बाद शिक्षकों को तैनाती दी जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि एसएमसी शिक्षकों के लिए अस्थायी नीति बनाई गई है, जिसके तहत इन्हें रखा गया है।

2650 अध्यापक दे रहे सेवाएं

प्रदेश में अभी एसएमसी आधार पर 2650 शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। लंबे समय से ये शिक्षक सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनके लिए स्थायी पालिसी बनाई जाए, ताकि सालों से सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे इन शिक्षकों को थोड़ी राहत मिल सके। हालांकि सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट कर दी गई है कि एसएमसी शिक्षकों के लिए फिलहाल कोई भी स्थायी पालिसी व नीति नहीं बनाई गई है।


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