खाली पेट लहसुन खाने के कई स्वास्थ्यवर्द्धक फायदे होते हैं, लेकिन इसके बारे में पता कुछ ही लोगों को होता है। लहसुन एक चमत्कारी चीज है। इसमें कई तरह के औषधीय गुण होते हैं और अगर आप खाली पेट लहसुन का सेवन करते हैं तो आपको इसके बहुत सारे फायदे होते हैं। एक कली लहसुन

शंकर ने प्रसन्न होकर उसे वर देने की इच्छा की। उसने शंकर से पांच बार कहा कि वह सर्वगुणसंपन्न पति चाहती है। शंकर ने कहा कि अगले जन्म में उसके पांच भरतवंशी पति होंगे क्योंकि उसने पति पाने की कामना पांच बार दोहराई थी। जब पांडव तथा कौरव राजकुमारों की शिक्षा पूर्ण हो गई तो

द्वितीय श्रेणी में वे मंत्र आते हैं जो स्वामी रामकृष्ण परमहंस, श्री चैतन्य महाप्रभु, श्री रामानंद जी एवं कबीर साहिब आदि धर्मगुरुओं ने लोकोपचार के निमित्त बताए हैं। तृतीय श्रेणी के मंत्र पुस्तकों में संग्रहीत होते हैं। इनमें गुरु-तप का प्रभाव नहीं होता, अतः ये निर्जीव कहे जाते हैं। सात्विक, राजसिक तथा तामसिक नाम से

सौंदर्य के क्षेत्र में शहनाज हुसैन एक बड़ी शख्सियत हैं। सौंदर्य के भीतर उनके जीवन संघर्ष की एक लंबी गाथा है। हर किसी के लिए प्रेरणा का काम करने वाला उनका जीवन-वृत्त वास्तव में खुद को संवारने की यात्रा सरीखा भी है। शहनाज हुसैन की बेटी नीलोफर करीमबॉय ने अपनी मां को समर्पित करते हुए

बाबा हरदेव तामस  तो मन का अहंकार है, अंधकार है, विचारों की भीड़ वासनाओं की भीड़ है और राजसी इसलिए नहीं होता, क्योंकि इसके भीतर करने की वासना नहीं रह जाती। मानो ये किसी प्रकार की तृष्णा रूपी दौड़ में ग्रस्त नहीं होता क्योंकि इसे कुछ सिद्ध नहीं करना होता, न ही इसे किसी प्रकार

श्रीराम शर्मा एक  मक्खी एक हाथी के ऊपर बैठ गई। हाथी को पता न चला मक्खी कब बैठी। मक्खी बहुत भिनभिनाई आवाज की और कहा, भाई! तुझे कोई तकलीफ  हो तो बता देना। वजन मालूम पड़े तो खबर कर देना, मैं हट जाऊंगी, लेकिन हाथी को कुछ सुनाई न पड़ा। फिर हाथी एक पुल पर

श्रीश्री रवि शंकर अपने में कमी को दूर करने के लिए योग्यता बढ़ाओ। हर हार जीत की तरफ  एक कदम है। तो यह देखो तुमने क्या सीखा! क्या तुम भावनाओं के साथ बह गए। जो लोग उसी काम में हैं, क्या तुमने उनसे संपर्क किया? तुम उन पर विश्वास नहीं करते या तुमने भरोसेमंद लोगों

जेन कहानियां एंको प्रसिद्ध कहानी सुनाने वाला था। उसके मुंह से बयान होने वाली प्रेम कथाएं सुनने वालों के दिलों में हलचल मचा देती थीं। अगर वह किसी युद्ध की कहानी सुनाता, तो सुनने वालों को लगता मानो वे युद्ध स्थल पर जा पहुंचे। एक दिन एंको की भेंट यामाओका से हो गई। यामाओका एक

स्वामी विवेकानंद गतांक से आगे… शरतचंद्र  की जिद के आगे उन्हें हारना ही पड़ा और वो कुछ दिन ठहर गए। एक दिन शरतचंद्र ने उनसे पूछा, स्वामी जी मुझे ऐसा लगता है कि जैसे आप उदास हैं। स्वामी जी ने उत्तर दिया, बेटे मुझे एक बड़ा ही महत्त्वपूर्ण काम पूरा करना है। लेकिन साधनों की

ओशो अकेले होकर स्वयं का सामना करना भयावह और दुखदाई है और प्रत्येक को इसका कष्ट भोगना पड़ता है। इससे बचने के लिए कुछ भी नहीं करना चाहिए, मन को वहां से हटाने के लिए कुछ भी नहीं करना चाहिए।  हर एक को इस पीड़ा को भोगना होगा और इससे गुजरना होगा।  यह कष्ट और