आज भी हो रहा सड़क का इंतजार

By: निजी संवाददाता-नौहराधार Aug 14th, 2020 12:20 am

निजी संवाददाता-नौहराधार

गिरिपार क्षेत्र में कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां आजादी के बाद आज भी लोग सड़क सुविधा से महरूम हैं। जहां लोगों को करीब सात किलोमीटर खड़ी चढ़ाई चढ़कर घर पहुंचना पड़ता हो वहां के ग्रामीणों का जीवन कैसा होता होगा इसका अंदाजा खुद लगाया जा सकता है। जी हां, ऐसा ही गांव नौहराधार पंचायत के चाबधार गांव है जहां के ग्रामीणों को दशकों बाद भी सड़क सुविधा नहीं मिल पा रही है। दो दर्जन से अधिक स्कूली बच्चे इस चार किलोमीटर रास्ते से हर रोज नौहराधार पाठशाला पहुंचते हैं। जरूरत का सामान पीठ पर उठाकर घर पहुंचाना पड़ता है जिन्हें पहुंचने में कई घंटे लग जाते हैं।

चाबधार से नौहराधार तक इतना खतरनाक रास्ता है कि इसमें कई लोग चोटिल हो चुके हैं। गौरतलब है कि चाबधार, पांईजल के लोगों ने सड़क की मांग को लेकर सात अक्तूबर, 2018 को अनूठा विरोध किया था। यहां के ग्रामीण चाबधार से लेकर शिमला तक का लगभग 124 किमी का सफर पैदल चलकर किया था जिसमें इन्हें दिन-रात चार दिन का समय लग गया था।

चाबधार गांव चूड़धार की तलहटी में बसा है हुआ है। इस गांव के आसपास कई छोटी बस्तियां हैं। सभी बस्तियों को मिलाकर चाबधार व आसपास के क्षेत्र में करीब 250 से अधिक परिवार रहते हैं। इस क्षेत्र की आबादी लगभग 1200 से अधिक है। नौहराधार से चाबधार गांव तक खड़ी चढ़ाई है। नौहराधार से चाबधार पहुंचने के लिए लगभग दो से अढ़ाई घंटे का समय लगता है। इसी रास्ते से हजारों की संख्या में श्रद्धालु चूड़धार के लिए रवाना होते हैं।  ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि इस सड़क के टेंडर शीघ्र लगाए जाएं व नौहराधार से पैदल रास्ते के लिए बजट मुहैया करवाया जाए।


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