चितकारा में दो साल का एमएससी प्रोग्राम शुरू, फार्माकोविजिलेंस एंड क्लिनिकल रिसर्च में कार्यक्रम

By: निजी संवाददाता— चंडीगढ़ Aug 28th, 2020 12:06 am

निजी संवाददाता— चंडीगढ़

चितकारा यूनिवर्सिटी इस क्षेत्र की पहली यूनिवर्सिटी बन गई है, जिसने फार्माकोविजिलेंस एंड क्लिनिकल रिसर्च में दो साल का एमएससी प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की है। यह प्रोग्राम दुनिया में स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई थैरेपीज के लिए मशहूर क्लीनिकल रिसर्च आर्गेनाइजेशन पेरेक्सेल इंटरनेशनल के साथ मिलकर शुरू किया जा रहा है। फार्माकोविजिलेंस इंडस्ट्री में प्रतिभा की कमी को दूर करने के साथ भारत  में रिसर्च के लिए नई क्षमताओं को विकसित करने में  यह प्रोग्राम मदद करेगा। फार्माकोविजिलेंस एंड क्लिनिकल रिसर्च में दो वर्षीय मास्टर डिग्री प्रोग्राम कुशल और सक्षम पेशेवरों को तैयार करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो भारत के साथ दुनिया भर में अग्रणी फार्मा कंपनियों और क्लीनिकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन के फार्माकोविजिलेंस विभागों में विभिन्न स्तरों पर प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं। पेरेक्सेल एक अग्रणी क्लीनिकल रिसर्च आर्गेनाइजेशन है, जो कि इंडस्ट्री में पेरेक्सेल एकेडमी के तहत क्यूरीकुलम सपोर्ट करता है।

  चितकारा व पेरेक्सेल के बीच में हुए सहयोग पर  टिप्पणी करते हुए, कंपनी के इंडिया कंट्री हैड प्रेजिडेंट संजय व्यास ने कहा कि क्लीनिकल आपरेशन हब के रूप में तेजी से विकसित हो रहे भारत पर उनका हमेशा ही फोकस रहा है। इसके तहत वैश्विक के साथ स्थानीय स्तर पर भी ड्रग डिवेलपमेंट में हम मदद करते हैं। चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर डाक्टर मधु चितकारा ने कहा, दो साल का एमएससी प्रोग्राम इन फार्माकोविजिलेंस एंड क्लिनिकल रिसर्च, पेरेक्सेल के सहयोग से शुरू किया गया है।  चितकारा यूनिवर्सिटी प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत मिशन के प्रति अपने समर्थन को मजबूती से दोहराता है।


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