मंडी में मौत के बाद कोरोना संक्रमित निकला बुजुर्ग, अस्पताल का मेडिसन वार्ड सील, दो डाक्टरों सहित आठ कर्मी क्वारंटाइन

By: दिव्य हिमाचल ब्यूरो - मंडी Aug 11th, 2020 12:02 am

दिव्य हिमाचल ब्यूरो – मंडी

मंडी शहर के जवाहरनगर निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग की मौत होने के बाद वह कोरोना पॉजिटिव निकला है। ऐसे में जहां परिवार सकते हैं और वहीं स्वास्थ्य विभाग की भी चिंताएं बढ़ गई हैं। बुजुर्ग लंबे समय से अपने घर पर ही था और उसका कहीं बाहर आना-जाना भी नहीं रहा। वहीं, मंडी जोनल अस्पताल के मेडिसिन वार्ड को कुछ समय के लिए सील कर दिया गया है और बुजुर्ग का इलाज करने वाले दो डाक्टरों सहित आठ अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। बता दें कि मंडी शहर के 70 वर्षीय बुजुर्ग की सोमवार तड़के मेडिकल कालेज में मौत हो गई थी। इसके बाद कोरोना को लेकर उसके सैंपल लिए गए थे, जिसके बाद मृतक के पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है।

इस कारण अब स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। स्वास्थ्य विभाग को मृतक के परिजनों, उनसे अस्पताल में मिलने आए लोगों, वार्ड के अन्य मरीजों व स्वास्थ्य स्टाफ सहित बड़ी संख्या में प्राथमिक व द्वितीय संपर्कों की पहचान करनी होगी। जानकारी के अनुसार बुजुग्र को तीन दिन पहले बुखार की शिकायत के बाद मंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और सांस लेने में दिक्कत शुरू होने के बाद नेरचौक मेडिकल कालेज भेज गया था। मंडी अस्पताल में चिकित्सकों ने शुरुआत में कोई लक्षण न दिखने की वजह से बुजुर्ग के कोरोना वायरस को लेकर सैंपल पहले नहीं लिए थे, लेकिन जब बुजुर्ग को जोरदार खांसी होने लगी और सांस लेने में दिक्कत हुई, तो उन्हें रविवार रात को मेडिकल कालेज के लिए रैफर कर दिया गया था, लेकिन मेडिकल कालेज पहुंचने के कुछ घंटों बाद ही बुजुर्ग की मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि मृतक बुर्जग सुंदरनगर में दुकान चलाते थे और लंबे समय से घर पर ही थे। ऐसे में बुजुर्ग के कोरोना पॉजिटिव होने को लेकर भी सवाल उठना शुरू हो गए हैं। सीएमओ मंडी डा. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि मेडिसन वार्ड को बंद कर दिया गया है। इसे सेनेटाइज करने के बाद खोला जाएगा। इसके साथ ही तीन बिस्तरों वाले आइसोलेशन वार्ड को सील कर दिया गया है। दो डाक्टरों सहित आठ अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। सभी प्राथमिक व द्वितीय संपर्कों की पहचान की जा रही है। पहले कोई लक्षण होने की वजह से ही मृतक के कोरोना सैंपल शुरुआत में नहीं लिए गए थे, लेकिन मौत के बाद कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आना चिंताजनक है।

परिजनों ने लापरवाही बरतने के जड़े आरोप

इस मामले में बुजुर्ग बेटे ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि समय रहते कोविड-19 का टेस्ट नहीं किया गया। रैफर करने के बाद मरीज को एंबुलेंस में बिना ऑक्सीजन के भेज दिया गया था। इसके बाद जब उसके पिता की मौत हो गई तो उन्हें खुद अपने अपने पिता के शरीर को किट पहनानी पड़ी और अपने आप स्टे्रचर पर डेडहाउस में ले जाना पड़ा। इस दौरान बेटे को भी कोई पीपीटी किट व ग्लब्ज नहीं दिए गए।


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