TMC में स्क्रब टायफस के 95 मरीज, कोविड-19 महामारी के बीच अब टायफस ने भी पसारे पांव
कोविड के बीच स्क्रब टायफस ने भी पांव पसारना शुरू कर दिए हैं। डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज में अभी तक 95 मरीजों में स्क्रब टायफस की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि इनमें कांगड़ा, हमीरपुर, चंबा और ऊना जिला के भी मरीज शामिल हैं। वहीं, अब तक टांडा में स्क्रब टायफस से पांच लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में लोगों को अब कोविड-19 के साथ स्क्रब टायफस से भी अलर्ट रहने की आवश्यकता है। हालांकि राहत की बात यह है कि वर्तमान में टीएमसी में स्क्रब का कोई मरीज भर्ती नहीं है व कई स्वस्थ्य होकर घर भेजे जा चुके हैं। बहरहाल इस तरह तेजी से बढ़ता जा रहा स्क्रब टायफस आने वाले समय के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। तेज बुखार, सिर और जोड़ों में दर्द व कंपकंपी के साथ बुखार, शरीर में ऐंठन, अकड़न या शरीर टूटा हुआ लगना, अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजुओं के नीचे, कूल्हों के ऊपर गिल्टियां होना इत्यादि स्क्रब टायफस के लक्षण हैं।
वहीं, अस्पतालों में अगर किसी भी मरीज में स्क्रब टायफस के लक्षण दिखने पर चिकित्सक उनका तुरंत स्क्रब टायफस का टेस्ट करवा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग भी लोगों को स्क्रब टायफस बीमारी को लेकर सतर्क रहने की अपील कर रहा है। दरअसल यह रोग एक पिस्सु के काटने से फैलता है जो खेतों, झाडि़यों व घास में पनपता है। समय रहते उपचार मिलने पर स्क्रब टायफस से बचा जा सकता है, तो लापरवाही बरतने पर पीडि़त की मौत भी हो सकती है। टीएमसी में अब विभिन्न रोगों से पीडि़त मरीजों की तादाद भी बढ़ने लगी है। शुक्रवार के आंकड़ों के अनुसार टांडा में 405 मरीज भर्ती हैं। वहीं, 21 गर्भवती महिलाओं का सफल प्रसव भी किया गया है। कोविड के चलते टीएमसी में मरीजों के लिए 500 बेड की सुविधा शुरू की गई है। सभी प्राइवेट रूम भी फुल हैं और वार्डों में भी कुल 405 मरीज उपचाराधीन हैं। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है
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