बार्डर तो खोले…मगर बसें नहीं चलीं, तो कैसे पहुंचेगा पर्यटक

By: कार्यालय संवाददाता-पतलीकूहल Sep 22nd, 2020 12:17 am

सीमा खुलते ही घाटी में पर्यटकों का आगमन शुरू होने पर कारोबारियों के चेहरों पर रौनक नहीं

पतलीकूहल-15 सिंतबर से राज्य की सीमा पर लॉकडाउन को समाप्त तो कर दिया मगर बसों की आवाजाही नहीं खोली गई। हांलाकि घाटी में पर्यटकों का आगमन शुरू हो गया है, लेकिन उससे कारोबारी खुश नहीं हैं, क्योंकि जब तक राज्य में बसों को चलाने की पूर्ण छूट नहीं मिल जाती तब तक घाटी का पर्यटन तेजी नहीं पकडे़गा। मनाली व  कुल्लू के ऐसे होटल कारोबारी जिन्होंने लीज पर होटल ले रखे हैं, उनके लिए तो सीमा को खोल देने से कोई राहत नहीं मिली हैं। जब तक घाटी में वोल्वो बसों का अंतरराजीय आवाजाही नहीं होती, तब तक पर्यटन कारोबार तेजी नहीं पकड़ेगा, क्योंकि देश का अधिकतर पर्यटक बसों में आवागमन करता आया है।

राज्य की सीमा भले ही खोल दी हों, लेकिन उससे पर्यटन कारोबार पटरी पर आने वाला नहीं हैं। इसके लिए राज्य में मनाली से दिल्ली के लिए वोल्वो बसों का चलना जरूरी है, जिसकी अभी तक अनुमति नहीं दी गई है। मनाली से दो तीन बसें ही दिल्ली के लिए जाती है, जिसके लिए भी प्रशासन से आज्ञा लेनी पड़ती है। अभी तक देश का हर नागरिक कोरोना की जद से उभर नहीं पाया है, जिससे इस महामारी का डर लोगों को मुंह पर मास्क व सामाजिक दूरी को बनाए रखने की कोताही न बरते दिशा-निर्देश को मानने के लिए मजबूर हैं। मनाली के होटलियरों का कहना है कि जब तक घाटी में पूर्ण रूप से बसों की आवाजाही नहीं होती, तब तक पर्यटन व्यवसाय को गति प्रदान नहीं हो सकती। प्रदेश सरकार ने राज्य की सीमा को तो आवाजाही के लिए खोल दिया है, जिससे पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ से नौजवान पर्यटक अपने वाहनों में आना शुरू हो गए हैं। घाटी के ऐसे पर्यटक स्थल जो नौजवानों के प्रिय हैं, उनमें कसोल सबसे ऊपर हैं जहां नौजवान अपनी हसरत को पूरा करते हैं। घाटी में जिस तरह से 15 सिंतबर से पर्यटकों का आना शुरू हुआ है उससे लोगों में कोरोना के फैलने का भय भी है लेकिन दूसरी ओर कारोबारियों को कमाई करने का अवसर भी खोना नहीं हैं ऐसे में कारोबारी पहले एहतियातन मास्क व सोशल डिस्टेंसिेंग का ख्याल भी रख रहें हैं। सिंतबर महीने के दूसरे पखवाड़े में पर्यटकों का आना घाटी के पर्यटन को शुरू तो कर रहा है लेकिन लॉकडाउन के बाद इसका क्या परिणाम होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा जब घाटी में पर्यटकों की आवाजाही से कोरोना की यथास्थिति का पता चलेगा। घाटी में पर्यटकों की आवाजाही से जहां कारोबारियों को कुछ कमाने की उम्मीद हैं वहीं पर स्थानीय निवासी कोरोना के फैलने से भी चिंतित हैं।

पंजाब-चंडीगढ़ के पहुंचने लगे पर्यटक

मनाली के होटलियरों का कहना है कि जब तक घाटी में पूर्ण रूप से बसों की आवाजाही नहीं होती, तब तक पर्यटन व्यवसाय को गति प्रदान नहीं हो सकती। प्रदेश सरकार ने राज्य की सीमा को तो आवाजाही के लिए खोल दिया है, जिससे पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ से नौजवान पर्यटक अपने वाहनों में आना शुरू हो गए हैं।


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