बंद पड़े कारोबार को कमाई की आस

By: कार्यालय संवाददाता — पतलीकूहल Sep 27th, 2020 8:00 am

पैराग्लाइडिंग-रिवर राफ्टिंग के कारोबारी सड़क के किनारे ग्राहक का कर रहे इंतजार

विश्व में कोरोना का कहर अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से तहस-नहस कर रहा है और सिलसिला अभी तक जारी है। हालांकि भारत वर्ष में अब इस वायरस को पनपते छह महीने से ऊपर का समय हो गया है और कई जानें इस वायरस की चपेट में आकर लोगों को रुला रही हैं। इस स्थिति को देखते हुए पिछले छह महीने से देश के सभी पर्यटन स्थल तो खाली हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से लोगों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने की छूट भारत सरकार ने दे दी है। इस छूट के चलते लोग अपने घरों से बाहर निकलने के लिए पर्यटन स्थलों की ओर रवाना होने लगे हैं। हालांकि अभी लोगों की आवाजाही न के बराबर ही है।

क्योंकि जिस तरह का माहौल पर्यटन स्थलों में रहता आया है, वैसा बिलकुल भी नहीं हैं। मनाली जैसे अंतराष्ट्रीय पर्यटन स्थल में रिवर राफ्टिंग व पैराग्लाइडिंग ऑपरेटर्ज ग्राहकों के आंखें बिछाए बैठे हैं, लेकिन ग्राहकों की बड़ी कमी अखर रही है। दिन में कहीं जाकर एक-आध ग्राहक मिलता है तो कुछ उम्मीद बनती है।  हिमालयन डेस्टिनेशन पैराग्लाइडिंग के मालिक विवेक ठाकुर ने बताया कि मनाली में पिछले छह महीनों से कोरोना के चलते पूरी तरह से साहसिक खेलों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। 15 सिंतबर से इन मनोरंजक व साहसिक खेलों के लिए छूट दे दी है, मगर ग्राहक नहीं मिल रहे हैं।

हालांकि अब सर्द ऋतु का आगमन होने लगा है, जिससे सुबह-शाम थोड़ी ठंड की तासीर मौसम लिए हुए है। मनाली में अभी पर्यटक उस कद्र नहीं आ रहा है, जिसकी आशा रहती है। लोग अभी भी कोरोना वायरस से त्रस्त हैं, लेकिन कई महीनों तक घरों में कैद रहने से बाहर की हवा खाने के लिए भी मन ललायित रहता है। मनाली में अभी पंजाब-चंडीगढ़ व हरियाणा से छुट-पुट सैलानी आ रहे हैं, लेकिन पैराग्लाइडिंग व रिवर राफ्टिंग संचालक ग्राहक के लिए तरस रहा है। पैराग्लाइडिंग संचालक विवके ठाकुर ने बताया कि जब तक अंतरराज्य बसों की आवाजाही नहीं होती तब पर्यटक का आवागमन नहीं होगा।


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