‘जाइका’ ने बढ़ाई किसानों की आय

By: दिव्य हिमाचल ब्यूरो-मंडी Sep 22nd, 2020 5:16 am

मंडी के बड़मार गांव के किसानों का बदला जायका, 83 हजार कमाने वाले किसान अब कमा रहे लाखों

मंडी-मंडी जिला के बड़मार गांव के किसानों के लिए हिमाचल प्रदेश फ सल विविधिकरण प्रोत्साहन परियोजना वरदान सिद्ध हो रही है। पहले गांव के जो किसान पूरे साल भर में 83 हजार बड़ी मुश्किल से कमा पा रहे थे, उन किसानों की आय अब बढ़ कर पांच गुणा हो गई है। हजारों कमाने वाले किसान अब 4.58 लाख रुपए कमा रहे हैं। जापान इंटर नेशनल कारपोरेशन (जाइका) के सहयोग से चलाई जा रही यह परियोजना खेती-किसानी में लोगों की रूचि, मुनाफ ा या कहें जायका बढ़ाने वाली साबित हुई है। सदर तहसील की ग्राम पंचायत सेगली के बडवार गांव में प्रचलित बहाव सिंचाई योजना-छोनल खारसी से बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

परियोजना के लागू होने से पहले यहां किसानों की सालाना आय लगभग 83 हजार रुपए थी, जो अब बढ़कर लगभग 4.58 लाख हो गई है। बहाव सिंचाई योजना-छोनल खारसी का कुल कृषि योग्य क्षेत्र 16.32 हेक्टेयर है। यह क्षेत्र व्यवसायिक पैमाने पर गोभी, टमाटर, फ्रेंचबीन, शिमला मिर्च और बैंगन जैसी नकदी फसलों की वृद्धि के लिए उपयुक्त है। किसान जाइका के सहयोग से खेती के नवीनतम तरीके अपनाकर इस खरीफ मौसम में 14.7 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जियों की खेती कर रहे हैं। जिला परियोजना प्रबंधक डा. नवनीत सूद का कहना है कि एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार बडमार गांव के 70 प्रतिशत किसान गोभी का उत्पादन कर रहे हैं । किसानों ने गोभी उत्पादन से 18-20 रुपए प्रति किलो मूल्य प्राप्त किया। एक बीघा से इस उप परियोजना के किसान गोभी से औसतन 25 से 30 हजार रुपए व टमाटर की खेती से लगभग 70 से 80 हजार की कमाई कर रहे हैं। ये सब्जी उत्पादक चंडीगढ़, मनाली और दिल्ली के एपीएमसी में अपनी उपज बेच रहे हैं।

इस परियोजना के किसानों ने वर्तमान सीजन के दौरान गोभी की उपज से लगभग 35 से 38 लाख रुपए की कमाई की है। यहां वर्ष 2019-20 के दौरान कुल 14.6 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ  सीजन व 13.7 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी सीजन की फ सलें लगाई गई थीं, जिसमें खरीफ  सीजन में 2.27 लाख रुपए व रबी सीजन में 2.31 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर आय प्राप्त हुई। डा. नवनीत सूद का कहना है कि हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण प्रोत्साहन परियोजना हिमाचल सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना के माध्यम से जिला मंडी में 62 उपपरियोजनाओं में 1261.46 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि को सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। डा. नवनीत सूद के अनुसार किसानों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां जैसे समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम और प्रक्षेत्र प्रदर्शनों का आयोजन किया गया था। सब्जियों की वैज्ञानिक रूप से खेती की गई थी।


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