कंगना की ललकार पर महाराष्ट्रीय प्रहार: प्रो. सुरेश शर्मा, लेखक नगरोटा बगवां से हैं

By: प्रो. सुरेश शर्मा, लेखक नगरोटा बगवां से हैं Sep 14th, 2020 12:07 am

प्रो. सुरेश शर्मा

लेखक नगरोटा बगवां से हैं

इस मामले में तो जान के खतरे के डर से कंगना को केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जा रही है जिसमें दो कमांडो सहित ग्यारह सीआरपीएफ  के जवान चौबीसों घंटे उन्हें  सुरक्षा देंगे क्योंकि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। काश, सामान्य व्यक्तियों के मामले में भी ऐसी ही सुरक्षा का प्रबंध होता। इस मामले में गत बुधवार को एक और मोड़ आ चुका है। कंगना के मुंबई पहुंचने से पहले ही महाराष्ट्र सरकार, बीएमसी तथा शिवसैनिकों की मिली-जुली कार्रवाई ने कंगना के ऑफिस को बुलडोजरों से तहस-नहस कर दिया…

बहुत अच्छा लगा जब हिमाचल की बेटी कंगना रणौत शीतल और शांत पहाड़ से भारत के दक्षिण मध्य तथा समुद्र के किनारे स्थित महाराष्ट्र की एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के दिग्गज नेता को चुनौती देती हुई ललकारती हैं ः ‘मैं आ रही हूं मुंबई, किसी के बाप में दम है तो मुझे रोक ले।’ प्रदेश की ऊर्जावान एवं क्रांतिकारी युवा तथा प्रसिद्ध अभिनेत्री कंगना की निडरता, साहस और बेबाकीपन के सभी कायल हो गए हैं। दूसरी ओर देश की एक प्रतिष्ठित राजनीतिक पार्टी शिवसेना के सांसद संजय राउत कंगना रणौत द्वारा महाराष्ट्र की तुलना पीओके से करने पर महाराष्ट्र में घुसने पर जबड़ा तोड़ देने की धमकी देते हैं। देश के दो प्रतिष्ठित नेता एवं अभिनेत्री का जोरदार वाकयुद्ध चल रहा है तथा परस्पर विरोधी विचारधारा की अनेकों युवा सेनाएं एक-दूसरे के विरोध में लामबंद हो चुकी हैं। इस व्यक्तिगत महत्त्वाकांक्षी युद्ध में प्रदेश तथा देश के वरिष्ठ एवं अनुभवी नेता तथा राजनीतिक दल भी शामिल हो चुके हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे मानो यह कोई एक गंभीर राष्ट्रीय समस्या हो।

कंगना रणौत का कहना है कि वह स्वतंत्र भारत की स्वतंत्र नागरिक हैं तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता उनका संवैधानिक अधिकार है। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की हत्या के चर्चित मामले में महाराष्ट्र पुलिस, प्रशासन, सरकार, ड्रग्स माफिया तथा सिनेमा जगत में भाई-भतीजावाद के आरोप लगाने वाली कंगना अपने बेबाक बयानों के लिए इस समय पूरे देश में चर्चित हैं। कंगना का कहना है कि वह देश की नागरिक हैं और कभी भी व कहीं भी जा सकती हैं तथा अपना कारोबार कर सकती हैं, जबकि महाराष्ट्र के नेता संजय राउत कहते हैं कि यदि कंगना को महाराष्ट्र या फिल्म नगरी मुंबई नहीं भाती हो तो उन्हें मुंबई में नहीं घुसना चाहिए। महाराष्ट्र में कई बार कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने बिहार, उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों के लोगों को महाराष्ट्र में न आने तथा अपना कारोबार न करने की धमकियां दी हैं जो कि राष्ट्र की अखंडता व प्रभुसत्ता के दृष्टिकोण से ठीक नहीं है। नफरत का यह जहरीला धुआं कहीं चिंगारी बनकर राष्ट्रीय एकता व अखंडता के लिए कोई चुनौती न बन जाए। यह कोई बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है। इसके अतिरिक्त देश में और भी कई गंभीर विषय हैं जिन पर लोगों में चर्चा तथा वाद-विवाद हो सकता है।

 शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, विकास, कुपोषण, भुखमरी तथा बेरोजगारी इत्यादि कई राष्ट्रीय समस्याएं हैं जिन पर विचार हो सकता है। यह प्रकरण दो नामी-गिरामी नेताओं और अभिनेताओं का मामला है। इसके विपरीत यह कहीं दो साधारण व्यक्तियों का मामला होता तो अराजकता फैलने तथा देश की एकता और अखंडता का खतरा पैदा होने के जुर्म में कानून और व्यवस्था द्वारा जेल की सलाखों के पीछे कर दिया जाता। इस मामले में तो जान के खतरे के डर से कंगना को केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जा रही है जिसमें दो कमांडो सहित ग्यारह सीआरपीएफ  के जवान चौबीसों घंटे उन्हें  सुरक्षा देंगे क्योंकि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। काश, सामान्य व्यक्तियों के मामले में भी ऐसी ही सुरक्षा का प्रबंध होता। इस मामले में गत बुधवार को एक और मोड़ आ चुका है। कंगना के मुंबई पहुंचने से पहले ही महाराष्ट्र सरकार, बीएमसी तथा शिवसैनिकों की मिली-जुली कार्रवाई ने कंगना के ऑफिस को बुलडोजरों से तहस-नहस कर दिया जिसे उन्होंने पंद्रह वर्षों की कड़ी मेहनत तथा संघर्ष से बनाया है। कंगना ने बताया था कि मेरे फिल्म निर्माता बनने तथा खुद के बनाए ऑफिस का यह सपना टूटने का वक्त आ गया है, उनकी यह आशंका भी सच साबित हुई। कंगना ने महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सीधी चुनौती देते हुए कहा, ‘आज मेरा घर टूटा है, कल तुम्हारा घमंड टूटेगा।

यह वक्त का पहिया है, समय एक जैसा नहीं रहता।’ जाहिर है कि बांद्रा के पाली हिल स्थित कंगना की अपनी मणिकर्णिका प्रोडक्शन कंपनी है। कंगना ने जनवरी 2020 में अठतालीस करोड़ रुपए की लागत से यह ऑफिस खरीदा था। उधर महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गत मंगलवार को कंगना के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र पुलिस को एक ड्रग्स मामले में भी जांच के आदेश दे दिए। महाराष्ट्र की सरकार तथा बीएमसी द्वारा बदले की भावना से चौबीस घंटे के भीतर कंगना के विरुद्ध कार्रवाई तथा शिवसेना के एक प्रतिष्ठित नेता संजय राउत द्वारा कंगना के विरुद्ध दिए गए बयान अशोभनीय, शर्मनाक एवं जहरीले हैं जो देश के किसी भी नागरिक को संविधान द्वारा प्रदान किए गए जीने के अधिकार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विरुद्ध हैं। एक महिला कलाकार के विरुद्ध अभिव्यक्त जहरीली टिप्पणियां, व्यक्तिगत जीवन पर छींटाकशी, एक तरफा कार्रवाई को न्याय की दृष्टि से जायज नहीं ठहराया जा सकता। दो पक्षों की व्यक्तिगत एवं राजनीतिक महत्त्वाकांक्षाओं का यह प्रकरण शर्मनाक है।


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