कृषि विधेयकों पर घमासान, दशकों राज करने वाले फैला रहे भ्रम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमला

By: एजेंसियां — नई दिल्ली Sep 19th, 2020 11:08 am

किसान विधेयक को लेकर हो रहे विरोधों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सरकार की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टियां विधेयक को लेकर दुष्प्रचार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को एमएसपी का फ़ायदा नहीं मिलने की बात ग़लत है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बिहार की कई परियोजनाओं का शुभारंभ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग दशकों तक देश में शासन करते रहें हैं, सत्ता में रहे हैं, देश पर राज किया है, वो लोग किसानों को भ्रमित कर रहे हैं, किसानों से झूठ बोल रह हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि विधेयक में वही चीज़ें हैं जो देश में दशकों पर राज करने वालों ने अपने घोषणापत्र में लिखी थी। श्री मोदी ने कहा कि यहां विरोध करने के लिए विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा बिचौलिए जो किसानों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा खा जाते थे, उनसे बचने के लिए ये विधेयक लाना ज़रूरी था। एमएसपी के लेकर मोदी ने कहा कि यह बात की किसानों से धान-गेंहूं सरकार नहीं ख़रीदेगी ग़लत हैं, झूठ है और मनगढ़ंत है। इस पर राजनीति हो रही है।

संसद में घेरा

नई दिल्ली। राज्यसभा में शुक्रवार को विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि सरकार स्वायत्तशासी संस्थानों के अधिकारों को कमजोर कर रही है। सदन में होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक 2020 और इसके विरोध में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के इलामारम करीम एवं दो अन्य सदस्यों के प्रस्ताव पर संयुक्त चर्चा के दौरान माकपा के केके रागेश ने कहा कि अध्यादेशों के माध्यम से शासन नहीं चलाया जाना चाहिए। इसके अलावा कांग्रेस और टीएमसी के सदस्यों ने भी इसी मुद्दे पर सदन में सरकार को घेरा।

राज्यों से पूछा तक नहीं

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने लोकसभा में किसान संबंधी दो विधेयकों को अनुमोदित करने को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसानों के विरोध प्रदर्शन पर शुक्रवार को कहा कि यह जनता और सरकार के बीच की दूरी को प्रदर्शित करता और यह दर्शाता है कि राज्यों से परामर्श नहीं किया गया है। श्री चिदंबरम ने शुक्रवार के कई ट््वीट किए। उन्होंने कहा कि किसान संबंधी दो विधेयकों को लोकसभा ने अनुमोदित कर दिया है।

पंजाब और हरियाणा के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह जनता और सरकार के बीच की दूरी को प्रदर्शित करता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि दोनों विधेयक हमारे अपूर्ण खाद्य सुरक्षा प्रणाली के तीन स्तंभों को चुनौती देते हैं। वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), सार्वजनिक खरीद और  सार्वजनिक वितरण प्रणाली  (पीडीएस) हैं।


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