नई शिक्षा नीति कश्मीर के युवाओं के भविष्य का करेगी निर्माण, केंद्रीय शिक्षा मंत्री का दावा

By: एजेंसियां — नई दिल्ली Sep 21st, 2020 4:13 pm

नई दिल्ली — केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद उन्हें पूरा विश्वास है कि अब यहां का युवा हथियार या पत्थर नहीं बल्कि लैबोरेट्री में टूल उठाएगा और अपने भविष्य का निर्माण करेगा, वह स्किल और ज्ञानयुक्त होगा और नये भारत की तस्वीर उसकी योग्यताओं से निर्मित होगी। डा. निशंक ने जम्मू विश्वविद्यालय में आयोजित नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर की परिस्थितियां बिल्कुल भिन्न हैं।

यहां तीन सभ्यता रही हैं, तीन अलग-अलग भौगोलिक परिस्थितियां, तीन अलग संस्कृतियां रही हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर ने बहुत सारी चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन अब एक बैनर तले विकास एवं प्रगति के मार्ग पर हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। चाहे सड़कों का विकास हो या फिर नए संस्थानों की स्थापना, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य है कि जम्मू-कश्मीर को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाए।

केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए नेतृत्व की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि नीति निर्माण एक मूलभूत एवं नीतिगत विषय है और नीति क्रियान्वयन रणनीतिक विषय है। इन दोनों के बीच नेतृत्व की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है, वह भी ऐसा नेतृत्व जो नीति को जमीन पर उतार सके।

डा. निशंक ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षाविदों से कहा कि आप सभी संस्थानों के लीडर होने के साथ-साथ एक शिक्षक और मार्गदर्शक भी हैं। शिक्षक इस नीति का वह टूल है, जिस पर पूरी नीति का कार्यान्वयन निर्भर करता है। एक ओर छात्र जहां केंद्रबिंदु है तो शिक्षक उसका फोकल प्वाइंट है।

उन्होंने कहा कि आप सभी को अपने विश्वविद्यालय, अपने संस्थानों या अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी क्षेत्रों में इस नीति के लिए एक्शन प्लान बनाने की जरूरत है, न केवल एक्शन प्लान बल्कि उस एक्शन प्लान को एक टाइमलाइन से जोड़कर, कैसे क्रियान्वित किया जा सकता है, इस पर काम करने की जरूरत है। हम विश्वविद्यालय, संस्थानों की ऑटोनॉमी (स्वायत्तता), उनके प्रशासन, उनके सशक्तिकरण और विकेंद्रीकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही हम अपने शैक्षणिक संस्थाओं की गुणवत्ता, पाठ्यक्रम आदि को वैश्विक मंच पर स्थापित करने और वैश्विक मानकों के अनुकूल बनाने के लिए भी प्रयासरत हैं।

इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रह्मण्यम, केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों तथा संस्थाओं के प्रमुख शिक्षाविद्, कुलपति, निदेशक,महानिदेशक एवं शासन-प्रशासन से जुड़े अधिकारियों ने हिस्सा लिया।


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