पानी-कूड़े के बिल पर गरजी नागरिक सभा

By: नगर संवाददाता-शिमला Sep 23rd, 2020 5:10 am

शिमला नगर निगम प्रशासन के खिलाफ तीन घंटे धरना प्रदर्शन; आयुक्त को सौंपा 13 सूत्री ज्ञापन, टैक्स माफ करने का मिला आश्वासन

शिमला-शिमला नागरिक सभा ने कोरोना काल के  कूड़े, पानी के बिलों, प्रॉपर्टी टैक्स को माफ करने, येलो लाइन के छह सौ रुपए व अन्य पार्किंग शुल्क को एक हजार रुपए से घटाने व दुकानदारों से वसूले जाने वाले प्रॉपर्टी टैक्स के मुद्दे पर नगर निगम शिमला के बाहर तीन घंटे तक प्रदर्शन किया। नागरिक सभा का प्रतिनिधिमंडल नगर निगम शिमला के आयुक्त से मिला व उन्हें तेरह सूत्री ज्ञापन सौंपा। आयुक्त ने कोरोना काल के कूड़े, पानी के बिलों, प्रॉपर्टी टैक्स व दुकानदारों के प्रॉपर्टी टैक्स को माफ करने का आश्वासन दिया। नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने कहा है कि कोरोना महामारी के इस दौर में मार्च से सितंबर के छह महीनों में कोरोना महामारी के कारण शिमला शहर के 70 प्रतिशत लोगों का रोजगार पूर्णतः व आंशिक रूप से चला गया है। हिमाचल प्रदेश सरकार व नगर निगम शिमला ने कोरोना काल में आर्थिक तौर पर बुरी तरह से प्रभावित हुई जनता को कोई भी आर्थिक सहायता नहीं दी है। शिमला शहर में होटल व रेस्तरां उद्योग पूरी तरह ठप हो गया है। इसके कारण इस उद्योग में सीधे रूप से कार्यरत लगभग पांच हजार मजदूरों की नौकरी चली गई है। पर्यटन का कार्य बिल्कुल खत्म हो गया है। इसके चलते शिमला शहर में हजारों टैक्सी चालकों, कुलियों, गाइडों, टूर एंड ट्रैवल संचालकों आदि का रोजगार खत्म हो गया है। इस से शिमला में कारोबार व व्यापार भी पूरी तरह खत्म हो गया है । शिमला का लगभग चालीस प्रतिशत व्यापार पर्यटन से जुड़ा हुआ है व पर्यटन उद्योग पूरी तरह बर्बाद हो गया है। ऐसी विकट परिस्थिति में प्रदेश सरकार व नगर निगम से जनता को आर्थिक मदद की जरूरत व उम्मीद थी, परंतु इन्होंने जनता से किनारा कर लिया है।

जनता को कूड़े के हजारों रुपए के बिल थमा दिए गए हैं। बंद क्वार्टरों के हर महीने के कूड़े व पानी के बिल जबरन मकान मालिकों से वसूले जा रहे हैं। हर माह जारी होने वाले बिलों को चार महीने बाद जारी किया जा रहा है। उपभोक्ताओं को कूड़े व पानी के बिल हजारों में थमाए गए हैं, जिस से घरेलू लोग तो हताहत हुए ही हैं, परंतु कारोबारियों, व्यापारियों, पीजी संचालकों आदि पर पहाड़ जैसा बोझ लाद दिया गया है।

शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने के कारण छात्र व अभिभावक ग्रामीण क्षेत्रों को कूच कर चुके हैं व उनके क्वार्टरों पर ताले लटके हुए हैं। जब क्वार्टर ही बंद हैं व उपभोक्ताओं ने इन सुविधाओं को ग्रहण ही नहीं किया है, तो फिर कूड़े व पानी के बिलों को जारी करने का क्या तुक बनता है। इन हजारों रुपए के बिलों का भुगतान करने के लिए भवन मालिकों पर बेवजह दबाव बनाया जा रहा है। इस प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा, कपिल शर्मा, ओंकार शाद, कुलदीप तंवर, संजय चौहान, प्रेम गौतम, बलबीर पराशर, राजीव ठाकुर टुन्नू, फालमा चौहान, सत्यवान, जियानंद, अमित कुमार, विवेक कश्यप, सोनिया, अनिल, रजनी, जगदीश ठाकुर, विशाल सूद, मनीष तलवार, दीवान चंद, इंद्रजीत ठाकुर, महेश ठाकुर, चरण दास, सुनीता तंवर, विक्की गुप्ता, दलजीत सिंह, चंद्रकांत वर्मा, सुरेंद्र बिट्टू, दलीप, मदन, राहुल, भूमित, गगन, गौरव, बालक राम, रविंद्र चंदेल, सपना, रामलखन, रिंपल आदि मौजूद रहे।


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