पराली जलाए जाने को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों के अंतर्गत सरकार ने 8000 नोडल अफसर किए नियुक्त

By: एजेंसियां - चंडीगढ़ Sep 28th, 2020 12:06 am

खरीफ सीजन में पराली जलाए जाने को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों के अंतर्गत पंजाब सरकार ने राज्य भर में धान का उत्पादन करने वाले गांवों के लिए 8000 नोडल अफसर नियुक्त किए हैं। इसके अलावा धान की पराली के निपटारे के लिए किसानों को 23,500 और मशीनें मुहैया करवाई जा रही हैं।

पंजाब सरकार के आज यहां जारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को फसल के अवशेष को आग न लगाने की अपील की है क्योंकि इससे प्रदूषण फैलने के साथ-साथ कोविड की स्थिति और गंभीर हो सकती है। कोविड की महामारी के मद्देनजर पराली न जलाए जाने के लिए किसानों के सहयोग की मांग करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि विशेषज्ञ पहले ही सावधान कर चुके हैं कि इससे फेफड़ों और अन्य बीमारियों के साथ पहले ही जूझ रहे लोग बुरी तरह प्रभावित होंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास कई बार यह मांग उठाई है कि पराली का निपटारा करने पर आने वाले खर्च की भरपाई की जाए।

पंजाब सरकार की तरफ से किसानों और आम लोगों को जागरूक करने के लिए बड़े स्तर पर मुहिम शुरू की गई है। इसी तरह राज्य सरकार ने भारत सरकार से मांग की कि किसानों को 100 रुपए प्रति क्विंटल मुआवजा दिया जाए, जिससे वह पराली को आग लगाए बिना इसका निपटारा कर सकें।


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