कवियों ने कविताओं से याद किए मास्टर मित्रसेन

By: दिव्य हिमाचल ब्यूरो- धर्मशाला Sep 24th, 2020 12:22 am

धर्मशाला के तोतारानी में भाषा एवं संस्कृति विभाग और मास्टर मित्रसेन साहित्य संगीत सभा भागसू के सौजन्य से आयोजित कार्यक्रम में साहित्यकारों ने भी बटोरीं तालियां

धर्मशाला –धर्मशाला के तोतारानी में भाषा एवं संस्कृति विभाग तथा मास्टर मित्रसेन साहित्य संगीत सभा भागसू द्वारा संयुक्त रूप से संगीत एवं  काव्य सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मित्रसेन साहित्य संगीत सभा भागसू की अध्यक्ष साधना नेपाली ने की।  कार्यक्रम में मास्टर मित्रसेन को स्मरण कर समाज के प्रति उनके योगदान को याद किया गया। इस मौके पर उपस्थित साहित्यकारों व कवियों ने मास्टर मित्रसेन के जीवन पर प्रकाश डालने के साथ कविता पाठ भी किया। वरिष्ठ साहित्यकार, लेखक, कवि व शिक्षाविद डा. गौतम शर्मा व्यथित ने समाज व देश के प्रति मास्टर मित्रसेन के योगदान को याद करते हुए उन्हें एक महान व्यक्तित्त्व बताया। श्री गौतम ने कहा कि मित्रसेन एक लेखक, कवि, साहित्यकार व नाटककार ही नहीं अपितु एक महान देशभक्त थे, जिन्होंने युवाओं के दिलों में भी देशभक्ति की भावना जागृत की। डा. व्यथित ने भारत-चीन विवाद को लेकर ‘फिर से सीमा पर शत्रु ललकार रहा है’ कविता पढ़ी जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। रमेश मस्ताना की पहाड़ी कविता ‘जे मुक्का सै जलदा मुक्का’ने भी दर्शकों की तालियां बटोरी। डा. युगल किशोर डोगरा की कविता ने भी खूब वाहवाही लूटी। चंद्र रेखा डढवाल ने गोरखाली के अतिरिक्त ‘तरन्नुम में आज मेरी भी कहानी लिख दो’ गजल सुना दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। जन्मज्येय गुलेरिया ने मास्टर मित्रसेन द्वारा लिखित श्रीकृष्ण भजन गाया जो दर्शकों को खूब भाया।  लक्ष्मीनारायण थापा की कविता ‘ बाटो परखी रहने छू’ भी दर्शकों को बहुत पसंद आई। दुर्गेश नंदन द्वारा सुनाई कविता ‘जानते हो तो फिर क्यों बांधना चाहते हो’ पर खूब तालियां बजीं। युवा कवित्री ऐश्वर्या थापा  सहित कुछ अन्य कवियों ने भी काव्य पाठ किया।

इस अवसर पर अजय पंकिल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि इस धरा पर बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो अपने आचरण, व्यवहार, कर्म तथा कार्यशैली से लोगों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ जाते हैं जो सदियों तक लोगों के दिलों में रहती है।  कार्यक्रम में मास्टर मित्रसेन साहित्य संगीत सभा भागसू के महासचिव राहुल गुरुंग को साहित्यकार रमेश मस्ताना ने मित्रसेन संग्रहालय के लिए अपनी लिखी पुस्तकों का एक सेट भी भेंट किया। मास्टर मित्रसेन साहित्य संगीत सभा भागसू की अध्यक्ष साधना नेपाली ने कार्यक्रम में उपस्तिथ सभी का आभार जताया। इस अवसर पर सुनील दूधराज, समिता आप्टे, शंकर थापा, शाकंभरी वर्मा, भूपेंद्र भंडारी, मास्टर मित्रसेन के परिवार से सावित्री थापा व अनुपमा थापा,  साकार महिला मंडल अध्यक्ष सत्या प्रधान, सचिव नीला गुरुंग सहित माला छेत्री, प्रियलता राय, राजन राय, राजेश भंडारी व रविन दूधराज सहित अनेक लोग मौजूद थे।


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