बिना परमिशन स्कूल आ रहे बच्चों को लौटाया
नगरोटा सूरियां –कोरोना के डर से अभिभावक बच्चों को कम ही स्कूल भेज रहे हैं। ऐसे में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला वरियाल, धाड़ जरोड़ , अमलेला व सकरी आदि सभी स्कूलों में इक्का-दुक्का बच्चे ही स्कूल आए। स्कूल में पढ़ने के लिए बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को अनुमति प्रमाण पत्र स्कूल में भेजने के लिए अभी नहीं दे रहे हैं। स्कूलों में अध्यापक 50 फीसदी पहुंच रहे हैं और जो रोस्टर बनाया हुआ है उसके तहत कार्य हो रहा है। स्कूलों में सुबह-सुबह जरूर कुछ बच्चे पहुंच रहे हैं, लेकिन दूसरी शिफ्ट में कोई भी बच्चा स्कूल नहीं आ रहा है।
नगरोटा सूरियां वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में तीसरे दिन करीब दस बच्चे स्कूल में पहुंचे थे। क्लास रूम में बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पढ़ाया जा रहा है। बार-बार स्कूल को सेनेटाइज किया जा रहा है। सरकार के दिए गए सभी दिशा-निर्देशों का स्कूलों द्वारा पालन किया जा रहा है। विशेषकर सोशल डिस्टेंसिंग थर्मल स्कैनिंग सभी का किया जाता है, जो भी स्कूल में बच्चा आता है। बाहर से किसी भी व्यक्ति को स्कूल में नहीं आने दिया जाता है। बरियाल, घाड़ जरोट, अमलेला व सकरी इत्यादि इन स्कूलों में कोई भी बच्चा स्कूल में नहीं पहुंचा। स्कूलों के कुछ प्रधानाचार्य ने बताया कि कुछ बच्चे स्कूल में आए, लेकिन उनके पास अपने अभिभावकों का अनुमति प्रमाण पत्र नहीं था। इसलिए उन्हें स्कूल द्वारा कहा गया कि आप अपने माता-पिता से अनुमति प्रमाण पत्र लेकर आएं । बहुत से अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल में तो भेजना चाह रहे हैं, लेकिन वह अनुमति प्रमाण पत्र नहीं दे रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि जैसे पहले स्कूल में बच्चे पढ़ते थे, वैसे ही अभिभावकों का कहना है कि मोबाइल में बहुत कम बच्चे पढ़ रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण बच्चों की पढ़ाई पर बहुत असर पड़ा है।
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