Tourism Policy के तीन हिस्से

By: विशेष संवाददाता — शिमला Sep 28th, 2020 12:01 am

पर्यटन इकाइयों को श्रेणियों के हिसाब से दिए जाएंगे सरकारी लाभ

हिमाचल प्रदेश की नई टूरिज़्म पॉलिसी में प्रदेश के पर्यटन क्षेत्रों को तीन अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया गया है। इसके हिसाब से ही पर्यटन इकाइयों को सरकारी लाभ प्रदान किए जाएंगे। पर्यटन पॉलिसी को अधिसूचित कर दिया गया है। इसके जरिए जयराम सरकार की नई राहें-नई मंजिलें योजना प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों में पर्यटन विकास को बढ़ाने में मददगार साबित होगी।

 पर्यटन क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के मकसद से प्रदेश को ए, बी और सी तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। पर्यटन नीति के तहत सरकार द्वारा घोषित रियायतों का फायदा लेने के लिए भी पर्यटक व्यवसायियों को जिला व प्रदेश स्तर पर गठित कमेटियों के समक्ष आवेदन करना होगा। मुख्यमंत्री  ने प्रदेश में पर्यटन विकास की नई राहें-नई मंजिलें योजना घोषित की है। योजना के तहत प्रदेश के दूरदराज के इलाकों तक सैलानियों को पहुंचाकर पर्यटन क्षेत्र में निवेश बढ़ाना है। निवेश बढ़ने की स्थिति में युवाओं को इस योजना के तहत रोजगार मिलेगा। बी श्रेणी में पर्यटन की दृष्टि से प्रदेश के कम विकसित क्षेत्र तथा सी श्रेणी में शिमला, मनाली जैसे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों को सरकार ने शामिल किया है। पर्यटन नीति में प्रत्येक श्रेणी के लिए रियायतें भी अलग-अलग हैं।

स्टांप ड्यूटी-रजिस्ट्रेशन फीस से छूट

सरकार ने राज्य में पर्यटन कारोबार करने वाले हिमाचलियों को स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण फीस में 70 फीसदी छूट दी है। इसके अलावा प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने का 90 फीसदी खर्च भी सरकार निवेशकों को लौटाएगी। प्रदेश से बाहर के निवेशकों को 10 करोड़ तक के निवेश पर स्टांप ड्यूटी व पंजीकरण शुल्क में 50 फीसद उपदान का प्रावधान सरकार ने किया है।


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