रथ यात्रा में भाग लेंगे 200 लोग

By: दिव्य हिमाचल ब्यूरो-कुल्लू Oct 24th, 2020 12:25 am

48 साल बाद सूक्ष्म रूप मनाया जा रहा दशहरा उत्सव, सैकड़ों देवी-देवता, श्रद्धालु भरते हैं हाजिरी

कुल्लू-देव परंपराओं के कारण अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी अलग पहचान बना चुके देवभूमि कुल्लू का दशहरा उत्सव इस बार अलग अंदाज में ही दिखेगा। 48 सालों बाद सूक्ष्म तरीके से दशहरा उत्सव मनाया जा रहा है। इस बार यह उत्सव 25 से 31 अक्तूबर तक मनाया जा रहा है। इसमें देवताओं का संगम होगा। 1661 से शुरू हुए इस उत्सव के स्वरूप में समय के साथ बदलाव आया है। कुछ परंपराएं आधुनिक रूप में आ गईं, तो कुछ का निर्वहन जस का तस है। इस बार कोरोना काल के चलते दशहरा अलग स्वरूप में नजर आएगा।

कोरोना के चलते न तो कुल्लू में हजारों लोगों की भीड़ जुटेगी और न ही ढोल-नगाड़ों की थाप पर श्रद्धालुओं का दल झूमेगा। इतना ही नहीं सूक्ष्म रूप से मनाए जा रहे दशहरे उत्सव में सिर्फ  सात देवी-देवता ही भाग लेंगे और रथयात्रा भी सिर्फ  200 लोगों की मौजूदगी में होगी। रथयात्रा में शामिल होने वाले सभी लोगों को कोविड टेस्ट भी करवाना होगा और भगवान रघुनाथ के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को भी कई नियमों का पालन करना होगा। जिला प्रशासन के द्वारा भी इस बार विशेष तैयारियां की जा रही है और भगवान रघुनाथ के मंदिर में भी तैयारियां हो रही हैं। ढालपुर में भी भगवान रघुनाथ का अस्थायी शिविर सजाया जा रहा है और देवता जम्दग्रि ऋषि का पंडाल भी तैयार हो रहा है।


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