चंबा में सूखा… सेब सिमटा, अब मुरझाने लगा मटर

By: दिव्य हिमाचल ब्यूरो। चंबा Oct 28th, 2020 12:12 am

बारिश न होने से किसानों-बागबानों को करना पड़ रहा दिक्कतों का सामना, गेहूं-सब्जियों की बिजाई नहीं कर पा रहे किसान

 चंबा-जिला चंबा में मौसम के ड्राई स्पैल ने किसानों व बागबानों को चिंता में डाल दिया है। बारिश न होने के चलते मक्की व सेब की फसल में नुकसान झेल चुके जिला के किसान व बागबान गेहूं सहित सब्जियों की बिजाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। जिला के भटियात एरिया में बरसाती मौसम के दौरान लीची, आम व नींबू की प्लाटेंशन भी सूखे की मार से प्रभावित होने लगी है। जिला चंबा के करीब अस्सी फीसदी एरिया में खेतों में किसानों द्वारा बोई गई विभिन्न फसलों की सिंचाई बारिश पर निर्भर है। जिला के केवल बीस फीसदी एरिया में ही किसानों व बागबानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है। ऐसे में किसान व बागबान इंद्रदेव की मेहरबानी के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। मगर यह इंतजार काफी लंबा खिंचता जा रहा है। बताते चलें कि इस बार चंबा जिला में बरसात के दिनों में भी काफी कम बारिश रिकार्ड हुई है। बारिश न होने से मक्की की फसल काफी प्रभावित हुई है।

इसके साथ ही जिला में सेब के आकार और रंग प्रभावित होने के साथ ही उत्पादन भी साठ फीसदी तक ही सिमट गया है। ऐसे में किसानों व बागबानों की आर्थिकी की रीढ मक्की व सेब की फसल प्रभावित होने से काफी नुकसान उठाना पड़ा है। सेब का साइज कम होने के चलते बाजार में फसल के मनमुनासिब दाम भी हासिल नहीं हो पाए है। मक्की, सेब, राजमाह व माह की फसल में नुकसान झेल चुके किसान व बागबान अब बारिश न होने के चलते गेहूं व मटर सहित अन्य सब्जियों की बिजाई के लिए खेतों का रूख नहीं कर पा रहे हैं। जिला के किसानों व बागबानों ने बताया कि इस वर्ष गर्मियों व बरसात के दिनों में नाममात्र की बारिश ही हुई है और पिछले दो माह से बारिश बिलकुल भी नहीं हो रही है। ऐसे में जिला की पारंपरिक व नकदी फसलों के उत्पादन में भारी गिरावट आने से आगामी दिनों में परिवार के पालन-पोषण में होने वाली दिक्कतों की सोच ने चिंता में डालकर रख दिया है।

उन्होंने बताया कि अगर जल्द जिला में बारिश न हुई तो गेहूं व निचले क्षेत्रों में मटर व सब्जी की बिजाई पर व्यापक असर पड़ेगा। कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. बीएस भट्ट ने कहा कि जिला में गंदम की बिजाई 15 अक्तूबर से 31 दिसंबर तक होती है। ऐसे में किसान गेहूं की बिजाई के लिए थोड़ा ओर इंतजार कर सकते हैं। उपरी हिस्सों में मटर की फसल आगामी माह तैयार होने जा रही है। इन क्षेत्रों में बारिश न होने से मटर की पैदावार प्रभावित हो सकती है। किसानों को सलाह है कि वे खेतों में अच्छादन का कार्य लगातार करते रहे। इससे मिट्टी में नमी बरकरार रखेगी। वहीं, उपनिदेशक उद्यान विभाग डा. सुशील अवस्थी ने कहा कि  बारिश न होने से जिला की नगदी फसलों की पैदावार प्रभावित हुई है। सेब का उत्पादन इस बार साठ फीसदी रहा। जिला के अस्सी फीसदी एरिया में सिंचाई बारिश पर निर्भर करती है। बारिश न होने से भटियात एरिया में बरसाती मौसम की प्लाटेंशन प्रभावित हो सकती है। बागवानों को विशेषज्ञों की सलाह से प्लाटेंशन को बचाने के लिए कदम उठाने होंगे।


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