वेतन को लेकर हारट्रोन के आईटी प्रोफेशनल में रोष, 2019 में वेतन में होनी थी बढ़ोतरी, अब तक नहीं हुआ कोई समाधान

By: निजी संवाददाता — नारायणगढ़,अंबाला Oct 20th, 2020 12:05 am

हरियाणा में सरकार के डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने वाले आईटी प्रोफेशनल की हालत बहुत ही खराब है। सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान के लिए ये कर्मचारी अलग-अलग सरकार विभागों में दिन-रात काम कर रहे है, लेकिन इसके बदले सरकार उन्हें सफाई कर्मचारियों से भी कम 13500 रुपए वेतन दे रही है। वेतन बढोतरी को लेकर हारट्रोन के आईटी प्रोफेशनल में काफी रोष दिखाई दे रहा है जिसके चलते सभी आईटी कर्मचारियों ने रविवार को गोहाना में एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें निर्णय लिया गया कि अगर सरकार उनके वेतन में बढोतरी नहीं करती है तो बरोदा उप.चुनाव में वे सरकार का साथ नहीं देंगे। हारट्रोन आईटी प्रोफेशनल ने बताया कि पूरे हरियाणा में लगभग चार हजार आईटी कर्मचारी है।

 आईटी कर्मचारी एक पारदर्शी तरीके से ऑनलाईन लिखित परीक्षा व टाईपिंग परीक्षा पास करके चयनित किए जाते है।  हर तीन साल बाद हमारा वेतन रिवाईज होता है जो पिछली बार जुलाई 2016 में रिवाइज हुआ था और अब जुलाई, 2019 में रिवाईज होना था लेकिन हमारी वेतन रिवाईज फाइल अलग-अलग विभागों में पिछले 14 महिने से चक्कर काट रही है। फाइल को लेकर आईटी कर्मचारी आईटी विभाग तथा वित्त विभाग के सभी अधिकारियों सहित कई नेताओं से भी मिल चुके है लेकिन अब तक उन्हें आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला है। हाट्रोन आईटी प्रोफेशनल ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2014 में निर्णय लिया था कि राज्य में न्यूनतम वेतन ही 15 हजार मासिक होगा। लेकिन अब 2020 आ गया है और हारट्रोन के डाटा एंट्री ऑपरेटर का मासिक वेतन 13500 रुपए है। इससे पता चलता है कि प्रदेश सरकार के निर्णय ग्राउंड स्तर पर कितने कारगर है। गौरतलब है कि पूरे राज्य में हारट्रोन के चार हजार आईटी प्रोफेशनल कार्यरत है। ये सभी आईटी से संबंधित सभी पोर्टल को चलाते है।


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