हां, मैं पॉजिटिव हूं : प्रो. सुरेश शर्मा, लेखक नगरोटा बगवां से हैं

By: प्रो. सुरेश शर्मा, लेखक नगरोटा बगवां से हैं Nov 30th, 2020 12:07 am

हिमाचल प्रदेश में सर्दी का मौसम अपने यौवन पर है। संभावित है कि इस मौसम में जुकाम, बुखार, गले में खराश, शरीर में जकड़न से संबंधित रोग आने वाले समय में पांव पसारेंगे। कुछ समय से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में बहुत बड़ा विस्फोट हुआ है। हमें मानसिक रूप से इस बारे में और अधिक तैयार रहने तथा सावधान रहने की आवश्यकता है। अपने शारीरिक रूप से संक्रमित होने के संदेह की सरकारी अस्पतालों में जाकर टेस्ट के माध्यम से शीघ्र अति शीघ्र पुष्टि करवाएं…

सर्दी के मौसम में जुकाम तथा बुखार होने की स्थिति में अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण मैंने अपना रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट करवाया जिसमें मुझे पॉजि़टिव पाया गया। हालांकि यह टेस्ट सीधे-सीधे कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं करता है, बल्कि इस टेस्ट के माध्यम से यह पता चलता है कि व्यक्ति के शरीर में किसी प्रकार का संक्रमण मौजूद है। कोरोना वायरस के संक्रमण के लिए कुछ दिनों के बाद फिर से इसकी पुष्टि की जाती है। यह टेस्ट मैंने सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग के जागरूकता अभियान से प्रेरित एवं प्रभावित होकर तथा स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स का पालन कर एवं स्वेच्छा से करवाया है। मैं सार्वजनिक जीवन से आइसोलेट हो चुका हूं।

यह इसलिए भी आवश्यक था कि कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता होने के कारण मैं खतरे में न हो जाऊं तथा मेरे कारण कोई अन्य व्यक्ति इस रोग से संक्रमित न हो जाए। जीवन में व्यक्ति को चारों ओर से नेगेटिविटी ने घेरा है। अक्सर लोगों की नकारात्मक सोच एवं व्यवहार से लोग अपना मुंह मोड़ लेते हैं, लेकिन विडंबना देखिए जब समय पॉजिटिव होने का आया तो अब लोगों ने अपने मुंह मोड़ लिए। आजकल लोग फेसबुक तथा व्हाट्सएप आदि माध्यमों से अपनी आइसोलेशन की घोषणा करते हैं, लेकिन मैंने सोचा कि मैं दिव्य हिमाचल समाचार पत्र के माध्यम से हमेशा सांस्कृतिक, सांगीतिक, सामाजिक, शैक्षिक तथा सम-सामयिक विषयों पर अपने विचार आपसे सांझा करता रहा हूं, इसलिए क्यों न इस विषय पर भी आपसे बात करूं तथा इस बात को स्वीकार करते हुए जानकारी दूं कि मैं पॉजिटिव होकर भी पॉजिटिव हूं। 2020 के इस वैश्विक महा दानव संक्रमण के कारण कौन, कहां, किस समय संक्रमित हो जाए, कहना असंभव है। एक बार नेगेटिव का प्रमाणपत्र मिलने के बावजूद कोई भी, कहीं भी तथा किसी से भी संक्रमित हो सकता है, इसलिए सभी को व्यक्तिगत, पारिवारिक तथा सामाजिक रूप से अत्यधिक एहतियात बरतने की आवश्यकता है। लगभग सात महीने के लॉकडाउन के बाद समाज के विभिन्न वर्गों के आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कुछ हिदायतों, नियमों तथा शर्तों को लागू कर लॉकडाउन समाप्त किया था। वर्तमान में ऐसा लगने लगा है कि शादी समारोहों, धार्मिक संस्कारों, बाज़ारों तथा सार्वजनिक स्थानों पर सब सामान्य रूप से चल रहा है, लेकिन यह हमारी अनभिज्ञता, अज्ञानता तथा बेपरवाही है। वर्ष 2020 में मौत का पर्याय बन चुके कोरोना वायरस संक्रमण को बिल्कुल भी हल्के से लेने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इस संक्रमण का कोई भी अनुशासन नहीं है।

इस संक्रमण की केस हिस्ट्री का पता लगाना अभी भी असंभव नहीं तो बहुत मुश्किल है। अभी तक इसकी कोई भी दवाई उपलब्ध नहीं है, इसलिए एहतियात एवं परहेज़ दो ही इलाज़ आवश्यक हैं। सार्वजनिक समारोहों में मास्क का प्रयोग करना, दूरी बना कर रखना, सेनेटाइजर का प्रयोग करना तथा बार-बार साबुन से हाथ धोना ही इसका एकमात्र उपाय है। इसके बावजूद इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि कौन व्यक्ति किस समय, किस कारण, किस व्यक्ति, किस स्थान पर संक्रमित हो जाए। सर्दी के मौसम में जुकाम तथा बुखार होना सामान्य बात है।

कोरोना वायरस से पूर्व भी इस मौसम में वायरल इंफेक्शन होता था। दोनों संक्रमणों के लक्षणों में समानता है। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के लिए और भी टेस्ट किए जाते हैं। रैपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से केवल इतना ही पता चलता है कि व्यक्ति के शरीर में कोई न कोई संक्रमण मौजूद है तथा उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हुई है। ऐसे व्यक्ति को एहतियातन आइसोलेट होने की सलाह दी जाती है ताकि उस व्यक्ति को किसी से तथा उस व्यक्ति से किसी को किसी भी प्रकार के संक्रमण का खतरा न हो। इस टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने का हरगिज़ यह अर्थ नहीं है कि व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है। इसलिए जिन भी व्यक्तियों में सामान्य जुकाम, बुखार, सिर दर्द तथा शरीर में जकड़न हो, उन्हें स्वेच्छा से अपना रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट करवा लेना चाहिए। हिमाचल प्रदेश में सर्दी का मौसम अपने यौवन पर है। संभावित है कि इस मौसम में जुकाम, बुखार, गले में खराश, शरीर में जकड़न से संबंधित रोग आने वाले समय में पांव पसारेंगे।

कुछ समय से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में बहुत बड़ा विस्फोट हुआ है। हमें मानसिक रूप से इस बारे में और अधिक तैयार रहने तथा सावधान रहने की आवश्यकता है। अपने शारीरिक रूप से संक्रमित होने के संदेह की सरकारी अस्पतालों में जाकर टेस्ट के माध्यम से शीघ्र अति शीघ्र पुष्टि करवाएं तथा बिना विलंब सामाजिक रूप से उसकी सार्वजनिक घोषणा कर अपने शिक्षित तथा जागरूक होने का परिचय दें ताकि कोई भी व्यक्ति आपके संपर्क में न आए। किसी भी व्यक्ति को इस संक्रमण से डरने की आवश्यकता नहीं है। इस मौसम में किसी को ठंड न लगे, साथ ही साथ अपने खानपान को संतुलित कर नियमित व्यायाम करने की नितांत आवश्यकता है। इस समय कोरोना संक्रमण की पॉजि़टिविटी नहीं बल्कि जीवन की सकारात्मकता के साथ सावधानी एवं जागरूकता की आवश्यकता है। संक्रमण से जागरूकता के साथ-साथ यह भी आवश्यक है कि वर्तमान समय में जुकाम, बुखार, सिर दर्द से संक्रमित होने से पॉजि़टिव पाया जाना कोई गुनाह नहीं है। सामाजिक रूप से लोगों का संक्रमित व्यक्तियों के लिए संवेदनशील होना भी अति आवश्यक है।


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