सुबह 3ः24 बजे से करवाचौथ व्रत का शुभ मुहूर्त

By: निजी संवाददाता - जवाली Nov 1st, 2020 12:01 am

ज्योतिषी विपन शर्मा बोले, पूजा शाम 5ः29 से लेकर 6ः48 बजे तक

 जवाली-हिंदू धर्म में करवाचौथ व्रत का विशेष महत्त्व होता है। करवाचौथ के दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। सुहागिनों के लिए यह व्रत सबसे अहम माना जाता है। करवाचौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है। जवाली के ज्योतिषि पं. विपन शर्मा ने बताया कि इस साल करवा चौथ का व्रत चार नवंबर बुधवार को होगा। इस बार करवाचौथ व्रत का शुभ मुहूर्त चार नवंबर को सुबह 03ः24 मिनट से पांच नवंबर सुबह 05ः14 मिनट तक रहेगा। वहीं करवाचौथ पूजा का शुभ मुहूर्त चार नवंबर शाम पांच बजकर 29 मिनट से शाम 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।

पंडित विपन शर्मा ने बताया कि करवाचौथ का व्रत सूर्योदय से चांद निकलने तक रखा जाता है। चांद को अर्घ्य देने और दर्शन करने के बाद ही व्रत को खोलने का नियम है। चंद्रोदय से कुछ समय पहले शिव-पार्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। चांद निकलने के बाद

महिलाएं पति को छलनी में दीपक रखकर देखती हैं और पति के हाथों जल पीकर उपवास खोलती हैं। इसके अलावा आजकल कुंवारी लड़कियों द्वारा भी करवाचौथ व्रत रखा जाता है। कुंवारी लड़कियां भी सूर्य निकलने से पहले व्रत रखती हैं तथा रात्रि तारों की छांव में व्रत को खोलती हैं।

चंद्रमा पूजा का महत्त्व

शास्त्रों में चंद्रमा को आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है। मान्यता है कि चंद्रमा की पूजा से वैवाहिक जीवन सुखी होता है और पति की आयु लंबी होती है। करवाचौथ का व्रत सूर्योदय से चांद निकलने तक रखा जाता है।

चंद्रोदय का समय

जवाली    रात 8 बजकर 08 मिनट

धर्मशाला  रात 8 बजकर 07 मिनट

कांगड़ा    रात 8 बजकर 08 मिनट

कुल्लू      रात 8 बजकर 05 मिनट

चंबा       रात 8 बजकर 07 मिनट

नादौन     रात 8 बजकर 08 मिनट

नूरपुर      रात 8 बजकर 08 मिनट

नाहन      रात 8 बजकर 07 मिनट

नालागढ़   रात 8 बजकर 08 मिनट

पालमपुर  रात 8 बजकर 06 मिनट

बैजनाथ   रात 8 बजकर 06 मिनट

बनीखेत   रात 8 बजकर 08 मिनट

सोलन     रात 8 बजकर 07 मिनट

सुंदरनगर  रात 8 बजकर 06 मिनट


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