यूजी के फर्स्ट व सेकेंड ईयर के 90 हजार छात्रों को बड़ा झटका, प्रमोट करने के बाद यहां फंसा पेंच

By: सिटी रिपोर्टर, शिमला Nov 26th, 2020 5:15 pm

सिटी रिपोर्टर, शिमला
फर्स्ट व सेकेंड ईयर में प्रमोट हुए 90 हजार छात्रों के लिए बड़ा झटका लगा है। प्रदेश सरकार ने भले ही फर्स्ट व सेकेंड ईयर के छात्रों को प्रमोट कर दिया हो, लेकिन छात्रों की प्रमोशन के बाद भी मैरिट बनाना एचपीयू के लिए मुश्किल हो रहा है। एचपीयू के पास कालेज से छात्रों के जो अवार्ड मिले थे, वह 30 प्रतिशत के हिसाब से दिए गए थे, लेकिन अब दूसरी बार कॉलेजों को छात्रों के अवार्ड 50 प्रतिशत के हिसाब से भेजने होंगे। फिलहाल लंबे समय से जो छात्र मैरिट तैयार होने का इंतजार कर रहे थे, उनके लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है।

कालेज बंद है, ऐसे में शिक्षक कैसे छात्रों के अवार्ड तैयार करेंगे, यह बड़ा सवाल है। हालांकि विश्वविद्यालय ने कालेजों को पत्र जारी कर छात्रों के दूसरी बार 50 प्रतिशत शर्त के साथ अवार्ड देने को कहा है। अब विश्वविद्यालय छात्रों की मैरिट तभी बना पाएगा, जब कालेजों से अवार्ड आएंगे। इसी तरह विश्वविद्यालय में फाइनल ईयर में भी पढऩे वाले हजारों छात्र ऐसे है, जिनके रिजल्ट तो आ गए, लेकिन उनको भी डीएमसी, व प्रोविजनल डेटशीट नहीं मिल पा रही है।

कारण यह कि कई छात्रों की रिअपीयर थी, ऐसे में उन छात्रों को भी सरकार ने प्रमोट कर दिया था, लेकिन अब ऐसे छात्रों को भी रिजल्ट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। कई छात्र बाहरी राज्यों के विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए जा तो रहे है, लेकिन बिना डीएमसी व डिग्री के बिना उन्हें दाखिला नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि राज्य सरकार ने फस्र्ट व सेकेंड ईयर के छात्रों को प्रमोट करने की लिखित अधिसूचना बहुत पहले जारी कर दी थी।

वहीं, एचपीयू को जल्द इस बाबत आगामी कार्रवाई करने को कहा था। प्रदेश शिक्षा सचिव राजीव शर्मा की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया था कि फस्र्ट ईयर के छात्रों की मैरिट को इस साल आतंरिक मूल्याकंन के तहत सौ प्रतिशत मैरिट बनाई जाएं। इसके साथ ही सेकेंड ईयर के छात्रों की 50 प्रतिशत असेसमेंट व 50 प्रतिशत पिछली कक्षा के अंक जोड़कर मैरिट तय की जाएं।

इसके साथ ही शिक्षा सचिव की ओर से जारी गई अधिसूचना में शिक्षा सचिव ने यह भी कहा है कि छात्रों को प्रमोशन के जरिए अपने नंबर कम लगते है, तो ऐसे में वो अगले साल सभी एग्जाम दे सकते है। बता दे कि कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने कालेज में फस्र्ट व सेंकेड ईयर के छात्रों को राहत देते हुए उन्हें दूसरी कक्षा के लिए प्रमोट करने का फैसला सुनाया था।

अब सरकार द्वारा फैसला लेने के बाद भी फस्र्ट व सेंकेड ईयर के छात्रों को अपनी मैरिट पता ही नहीं चल रही है, जिससे की करीब 90 हजार यूजी के छात्र परेशान हो गए है। अब सरकार के निर्णय के बाद एचपीयू व कालेज प्रशासन छात्रों को प्रमोट करने की प्रक्रिया को पूरा करेगा। हालांकि इसके लिए यूजीसी की गाइडलाइन का पालन करना जरूरी होगा। फिलहाल प्रदेश सरकार ने लंबे समय से प्रमोट होने का इंतजार कर रहे छात्रों को राहत तो दे दी है, लेकिन इसका फायदा कब छात्रों को मिलेगा यह देखना अहम होगा।

पहले अवार्ड के थे यह नियम
बता दें कि एचपीयू को पहले कालेजों को जो 30 प्रतिशत के हिसाब से जो अवार्ड मिले है, उसमें 5 नंबर अटेंडस, 10 असाइनमेंट, 10 नंबर मिड टर्म, 5 छात्र के व्यवहार पर अंक दिए जाते है। कुल मिलकार पहले 30 नंबर छात्रों को आंतरिक असेसमेंट के मिलते थे, ओर इस बार 50 अंको का अवार्ड बनाकर कालेज प्रबंधन को देना होगा।

छात्रों को प्रमोट करने का कार्य चल रहा है, कॉलेजों से अवार्ड आने के बाद फस्र्ट व सैंकेड के छात्रों की मैरिट बनाई जाएंगी। जल्द छात्रों को उनका रिजल्ट मिल जाएंगा।
प्रोफेसर सिकंदर कुमार, कुलपति प्रदेश विश्वविद्यालय


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