COVID-19: कोविड टेस्ट के बाद ही मिले हिमाचल में एंट्री, हाई कोर्ट ने जारी किए निर्देश

By: विधि संवाददाता — शिमला Dec 4th, 2020 12:12 am

हिमाचल हाई कोर्ट ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जयराम सरकार को जारी किए निर्देश, हर हाल में अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा

कोरोना संक्रमण की स्थिति पर संज्ञान लेते हुए हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने जयराम सरकार को कड़े निर्देश जारी किए हैं। उच्च न्यायालय ने अपने पारित आदेशों में कहा है कि राज्य सरकार बाहर से आने वाले लोगों को कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट पर एंट्री देने पर विचार करे। इसके अलावा राज्य सरकार कोरोना की टेस्टिंग रिपोर्ट की संख्या के साथ बिस्तरों की क्षमता को भी बढ़ाए। होम आइसोलेशन के मरीजों की गहनता से निगरानी हो और उनके स्वास्थ्य जांच के पुख्ता प्रबंध किए जाएं। हाई कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा है कि राज्य सरकार कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कर रहे प्रयासों की विस्तार से पब्लिसिटी करे। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि अदालत के ध्यान में आया है कि संक्रमण के चलते दम तोड़ रहे शवों को मरीजों के सामने ही घसीट कर निकाला जा रहा है।  हिमाचल हाई कोर्ट ने मीडिया में आ रही खबरों के आधार पर संज्ञान लेते हुए जयराम सरकार को ये आदेश जारी किए हैं। इसके तहत अब राज्य सरकार को दस दिसंबर से पहले जवाब दायर करने के भी आदेश दिए हैं। राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के अनुरूप सभी वरिष्ठ डाक्टर कोविड-19 वार्डों का नियमित तौर पर दौरा करते रहें।

 राज्य सरकार को तरल ऑक्सीजन टैंकरों की उपलब्धता बाबत निर्णय लेने के भी आदेश जारी किए गए हैं। न्यायालय ने आउटसोर्स के आधार पर तैनात किए जाने वाले कर्मियों को पांच दिसंबर तक नियुक्ति प्रदान करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायालय ने निजी व सरकारी प्रयोगशालाओं से कोविड टेस्ट करवाने के आदेश दिए है। सैंपल एकत्रित करने वाली एजेंसी को ये आदेश जारी किए हैं कि वह टेस्ट करने के दौरान व्यक्ति का संपर्क नंबर, ई-मेल आईडी व अन्य जरूरी जानकारी लें, ताकि टेस्ट के परिणाम बाबत ई-मेल, व्हाट्सऐप इत्यादि पर बताया जा सके। यह रिपोर्ट 48 घंटों के भीतर दी जाए। न्यायालय ने कोविड-19 अस्पतालों में हेल्पलाइन सुविधा को भी सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं, ताकि कोविड-19 के मरीज से उसके परिवार के सदस्य व अन्य नजदीकी रिश्तेदारों का संपर्क बना रहे। न्यायालय ने कहा कि जो मरीज अपने खर्चे पर नर्स रखना चाहें, उन्हें अपने खर्च पर नर्स रखने की अनुमति दी जाए, ताकि हॉस्पिटल स्टाफ  का भार कम हो सके।

 न्यायालय ने गरम पानी व स्ट्रीमर की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी आदेश जारी किए हैं। न्यायालय ने मास्क पहनने, समाजिक दूरी बनाए रखने बाबत बनाए गए नियमों की पालना सुनिश्चित करने के लिए न केवल स्थानीय पुलिस, बल्कि नगर निगम, गृह विभाग के कर्मियों व वालंटियर को तैनात करने के आदेश जारी किए हैं। किसी भी परिवार को कोविड-19 से ग्रसित होने के कारण समाज से बाहर नहीं किया जाएगा। कार्यकारी मजिस्ट्रेट की इजाजत के बिना जनसभा आयोजित नहीं की जा सकेगी। इस तरह की इजाजत के बाद स्थानीय पुलिस थाना को यह  सुनिश्चित करना होगा कि जनसभा में निर्धारित लोगों से अधिक संख्या न हो। इसके अतिरिक्त पंचायतों तथा स्थानीय निकायों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मास्क पहनने व सामाजिक दूरी बनाने जैसी शर्तों की पूर्णतया पालना हो। जो लोग जरूरी वस्तुओं की डिलीवरी के लिए तैनात किए गए हैं, उनका टेस्ट प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। न्यायालय ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं कि जो लोग घर से ही इलाज ले रहे हैं उन्हें सरकार अच्छी गुणवत्ता वाली मेडिसिन किट उपलब्ध करवाए।

न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक को यह आदेश जारी किए हैं कि वे अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई न तो कंटेनमेंट जोन को छोड़ कर जा सके और न ही कंटोनमेंट जोन में घुस सके। न्यायालय ने उन लोगों को धरना जैसे प्रदर्शनों में जाने की मनाही की है, जो कि कोविड-19 के लिए तैनात किए गए हैं। अगर किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है, तो उसे यह स्वतंत्रता होगी कि वह हाई कोर्ट के समक्ष अपनी समस्या को रखे। अगर फिर भी व्यक्ति इस तरह की गतिविधियों में शामिल होगा, तो उसके खिलाफ  न्यायालय के आदेशों की अवमानना की कार्यवाही चलाई जाएगी। छह एंबुलेंस, जोकि वेंटिलेटर व अन्य उपकरणों से लैस होने के बावजूद बेकार पड़ी है, को सक्रिय करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायालय ने कोविड सेवा में तैनात किए गए कर्मियों की डाइट व आराम का विशेष ध्यान रखने के भी आदेश जारी किए हैं। अगर जरूरी हो तो एनजीओ व चैरिटेबल इंस्टिच्यूशन से भी सहायता लेने के निर्देश जारी किए हैं।

समाचार पत्रों में दें टेस्टिंग की जानकारी

उच्च न्यायालय ने शिमला, मंडी, धर्मशाला, कुल्लू, सोलन, ऊना, हमीरपुर व बिलासपुर जिलों में टेस्टिंग बाबत जानकारी समाचार पत्रों व सोशल मीडिया के माध्यम से दिए जाने के आदेश जारी किए हैं, ताकि सैंपल को एकत्रित करने के लिए समय संबंधी जानकारी लोगों को उपलब्ध हो सके।

आउटसोर्स कर्मियों को दें अतिरिक्त भत्ता

न्यायालय ने आउटसोर्स के आधार पर कोविड की सेवाओं में तैनात किए तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों को अतिरिक्त भत्ता प्रदान करने के निर्देश जारी किए हैं। जो लोग घर से ही अपना इलाज ले रहे हैं, उन लोगों को डेडिकेटिड मेडिकल पर्सनल द्वारा दिन में दो बार संपर्क करने के आदेश जारी किए हैं ।

आम आदमी को जागरूक करने की जरूरत

जनसाधारण को कोविड बाबत शिक्षित करने के आदेश जारी किए गए हैं। न्यायालय ने इसके लिए होर्डिंग, रेडियो, टीवी व किताबों के माध्यम से शिक्षित करने के आदेश जारी किए हैं, ताकि लोगों को कोविड-19 से बचने के लिए सुझाए गए नियमों, प्रक्रिया व प्रोटोकॉल के बारे में पूरी जानकारी हो।

ये है उच्च न्यायालय के निर्देश

 सभी वरिष्ठ डाक्टर वार्डों का नियमित तौर पर दौरा करते रहें

 मरीजों के सामने संक्रमण पीडि़तों के शव घसीटे जाने का भी संज्ञान

 आउटसोर्स पर कर्मियों को नियुक्ति पांच दिसंबर तक पूरी कर ली जाए

 कोविड-19 अस्पतालों में हेल्पलाइन सुविधा सुनिश्चित की जाए

 मरीज यदि चाहें, तो उन्हें अपने खर्च पर नर्स रखने की अनुमति दी जाए

 मास्क पहनने, समाजिक दूरी की अनुपालना को वालंटियर भी करें तैनात


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