इन्वेस्टर मीट के करार पर नजर

By: विशेष संवाददाता — शिमला Dec 21st, 2020 12:01 am

प्रदेश सरकार के साथ इन्वेस्टर मीट में जिन उद्योगपतियों ने करार किए थे, उनसे बातचीत का दौर चल रहा है। इन करारों को उद्योग विभाग सिरे चढ़ाने में जुटा है। एक तरफ दूसरी ग्राउंड बे्रकिंग सेरेमनी की तैयारी की जा रही है, तो दूसरी ओर अगली योजना पर भी उद्योग विभाग काम कर रहा है। देखना यह है कि यह कब तक सिरे चढ़ेगा। हिमाचल प्रदेश में हुई इन्वेस्टर मीट के बाद कोविड की छाया पड़ गई, जिससे यहां उद्योग क्षेत्र धीमा पड़ गया, मगर अब इसमें धीरे-धीरे रफतार आने लगी है। खुद सरकार मान रही है कि उद्योग क्षेत्र चल निकला है, ऐसे में अब इन्वेस्टर मीट के उन समझौतों को खंगालने के लिए सरकार ने कहा है, जो धर्मशाला में किए गए थे। यहां 10 हजार करोड़ रुपए की पहली ग्राउंड ब्रेकिंग का लक्ष्य था, जबकि 14 हजार करोड़ रुपए का निवेश उसमें आया, जिसके बाद दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की सोची गई, मगर कोविड की वजह से वह नहीं की जा सकी। इसलिए अब सरकार जहां दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग के लिए काम कर रही है, तो वहीं जिन लोगों से समझौते किए गए थे, उनसे बातचीत को आगे बढ़ाया जा रहा है।

 यहां पर नया इन्वेस्टमेंट सैल गठित करने का भी विचार था जिस पर सरकार ने फैसला लिया था, अभी तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग के लिए उद्योग विभाग के साथ दूसरे विभागों के पास कुछ प्रस्ताव लंबित है, मगर कोरोना की वजह से वह उद्योगपति भी आगे नहीं बढ़ना चाहते हैं। ऐसे में उद्योग विभाग उनसे बातचीत कर रहा है, यह बातचीत कहां तक आगे बढ़ी इसकी समीक्षा की जाएगी। राज्य में उद्योग अब रफतार में आ गए हैं ऐसे में यहां जल्द से जल्द नया निवेश हो, इसके लिए सरकार आगे कदम बढ़ाएगी। उधर, विशेषज्ञों की मानें, तो कोविड की वजह से उद्योग जगत फिलहाल टूटा हुआ है, जो नया निवेश करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा। जबकि हिमाचल के पास मौका है जिसने  इन्वेस्टर मीट में विदेशी निवेश के लिए भी प्रयास किया है। अभी तक यह विदेशी प्रोजेक्ट यहां पर फलीभूत नहीं हो सके हैं, जिसे लेकर सरकार भी निशाने पर है। कहा यह भी जा रहा है कि सरकार को कोविड का बहाना मिल चुका है वहीं विपक्ष का कहना है कि जनता चुनाव में जवाब मांगेगी तब सरकार क्या बताएगी।


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