मनरेगा में प्रदेश को मिलेंगे 1150 करोड़, मार्च तक का रखा गया टारगेट

By: शकील कुरैशी—शिमला Dec 2nd, 2020 12:10 am

 अब तक अढ़ाई लाख कार्य दिवस अर्जित

शिमला पहाड़ी प्रदेश में लॉकडाउन के समय मनरेगा योजना बेरोजगारों के बेहद काम आई है। बड़ी संख्या में उस समय इस योजना के तहत लोगों ने रोजगार हासिल किया, जब उनके पास रोजगार नहीं था। लॉकडाउन में लोगों का रोजगार छिन गया और वह घरों को वापस लौट आए, मगर यहां वह क्या करते, तो उस समय मनरेगा सभी लोगों का सहारा बनी। मनरेगा योजना में हिमाचल प्रदेश में बड़ा काम लोगों को मिला और वो भी मुश्किल समय में।

इतना ही नहीं,  योजना के तहत विकास की गति भी लॉकडाउन के समय में बढ़ी, क्योंकि सबसे पहले मंजूरी इस काम को ही मिली थी। ऐसे में हिमाचल ने 1150 करोड़ तक का टारगेट रखा है और यह पैसा मनरेगा योजना में केंद्र सरकार से मिलेगा। जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के बीच मनरेगा के तहत प्रदेश में 2.50 लाख कार्य दिवस अर्जित किए गए हैं और 713 करोड़ 11 लाख रुपए की पेमेंट लोगों को की गई है, जो लोग इस योजना में गांव में काम पर लगे उनको इतनी पेमेंट अब तक हो चुकी है। बताया जाता है कि अभी कुछ पेमेंट लंबित भी है, लेकिन वह भी जल्दी हो जाएगी, क्योंकि इसमें एनओसी दे दिया गया है और पैसा मांगा गया है। सरकार ने मनरेगा स्कीम के तहत मार्च 2020 तक 1150 करोड़ रुपए का लक्ष्य तय किया है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को मनरेगा स्कीम से जोड़ कर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें। बता दें कि 45,204 परिवारों ने 120 दिन का और 41,993 परिवारों ने लॉकडाउन के दौरान 100 दिन का कार्य दिवस पूरा किया है। पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि जो टारगेट रखा गया है, वह पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा है, जो पूरा हो जाएगा।  (एचडीएम)

14वें वित्तायोग में 850 करोड़ खर्च

14वें वित्तायोग का 850 करोड़ रुपए पंचायतों के विकास कार्यों पर खर्च किया गया है, जो 2018-19 और 2019-20 का लंबित था। वित्तायोग की राशि से भी यहां पर अच्छा खास काम गांव स्तर पर किया गया है। करोड़ों रुपए की राशि जो वित्तायोग ने लंबित थी, उसके खर्च को सुनिश्चित बनाने पर भी सरकार ने जोर दिया है।


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