नई उड़ान की ओर पीटीसी डरोह

हाल ही में इस संस्थान को वर्ष 2018-19 के लिए आरक्षी मूलभूत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए देशभर में प्रथम घोषित किया गया है, जबकि वर्ष 2017-18 के लिए उत्तरी क्षेत्र में प्रथम घोषित किया गया है…

कहते हैं कि ‘हासिल कर लेते हैं वो मंजिल, जो मंजिल पर फना होते हैं! त्याग देते हैं नींद चैनसुख, उनके जज्बे बेमिसाल होते हैं!’ इन पंक्तियों को वास्तव में ही धौलाधार की मनमोहक पहाडि़यों के आंचल में बसे हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह ने सच में साबित कर दिया है। वर्ष 1995 में अस्तित्व में आए इस संस्थान ने वक्त के पहिए के साथ प्रगति के पथ पर चलकर अपनी कर्मठता व समर्पण से बुलंदियों को छू कर नए आयाम स्थापित किए हैं। देश के छोटे से पहाड़ी राज्य का यह पुलिस प्रशिक्षण केंद्र देशभर में अव्वल स्थान हासिल करने में सफल हुआ है। हाल ही में गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस संस्थान को वर्ष 2018-19 के लिए आरक्षी मूलभूत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए देशभर में प्रथम घोषित किया गया है, जबकि वर्ष 2017-18 के लिए अराजपत्रित अधिकारी ग्रेड -1 को उत्तम प्रशिक्षण देने के लिए उत्तरी क्षेत्र में प्रथम घोषित किया गया है। यह अभूतपूर्व उपलब्धि इस संस्थान के प्रशिक्षण स्तर व गुणवत्ता को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करती है। इससे पूर्व भी यह संस्थान वर्ष 2015-16 में आरक्षी मूलभूत प्रशिक्षण के लिए देशभर में अव्वल घोषित किया गया था। राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार की उपलब्धि हासिल करके अपनी पहचान स्थापित करना इस संस्थान में कार्यरत सभी अधिकारियों की कर्त्तव्यों के प्रति कटिबद्धता, लगन व समर्पण भाव को बखूबी प्रदर्शित करता है। इस संस्थान के ओजस्वी प्रधानाचार्य डा. अतुल फुलझेले (आईपीएस) की अभिनव व सकारात्मक सोच इस प्रशिक्षण संस्थान को व्यावाहरिक स्वरूप देने में सार्थक सिद्ध हुई है। सदैव कर्म पथ को सर्वोपरि मानने वाले प्रधानाचार्य अन्य अधिकारियों में भी कर्त्तव्यों को प्रभावी ढंग से निष्पादित करने के लिए ऊर्जा संचारित करते हैं तथा आगे बढ़ने के लिए सदैव प्रेरित करते हैं। यदि हम प्रदेश पुलिस मुखिया श्री संजय कुंडू जी की बात करें तो उनका इस संस्थान के प्रति दृष्टिकोण सराहनीय व लाजवाब रहा है। उनकी प्रशिक्षण क्षेत्र में  गहरी दिलचस्पी व प्राथमिकता पहले ही स्पष्ट हो चुकी है क्योंकि उन्होंने अपने प्रथम संबोधन में ही इस बात को स्पष्ट कर दिया था कि आने वाले दिनों में इस संस्थान के मूलभूत ढांचे को सुदृढ़ करके प्रशिक्षण की गुणवत्ता को मजबूत किया जाएगा तथा प्रशिक्षण केंद्र की पहचान को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। राज्य सरकार से समन्वय स्थापित करके प्रशिक्षण केंद्र के लिए आगामी 5 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 करोड़ के बजट का प्रावधान करवाना एक विशेष उपलब्धि है जिससे न केवल संस्थान का मूलभूत ढांचा सुदृढ़ होगा, बल्कि प्रशिक्षणार्थियों को और भी ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी।

 इस धनराशि के मिलने से प्रस्तावित इंफ्रास्ट्रक्चर बाह्य प्रशिक्षण परिसर, आंतरिक खेल परिसर, प्रशिक्षण के लिए मिनी फॉरेंसिक लैब, स्विमिंग पूल, भव्य ऑडिटोरियम, भव्य पुस्तकालय, आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित साइबर अपराध अन्वेषण लैब, प्रशिक्षणार्थियों के ठहराव के लिए आधुनिक बैरक्स तैयार की जाएंगी। इन बेहतरीन सुविधाओं के मिलने से प्रशिक्षण की गुणवत्ता का स्तर बढ़ेगा जिससे प्रत्येक पुलिस अधिकारी अपने कर्त्तव्य का निष्पादन प्रभावी ढंग से करने में सक्षम होगा। यह निश्चित है कि यह संस्थान शीघ्र ही नई बुलंदियों को छू कर नए आयाम स्थापित करने में सफल होगा तथा अपने निरंतर व अथक प्रयासों से यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी नई पहचान बनाने में सफल होगा। अगर हम बात करें पूर्व में यहां कार्यरत रहे  आईपीएस के अधिकारियों की तो उनमें से विशेष तौर पर श्री पृथ्वीराज, राजेंद्र मोहन शर्मा, जीडी भार्गव व आनंद धीमान जी का योगदान इस संस्थान को विकसित करने में बहुमूल्य  रहा है, लेकिन कहते हैं कि ‘सोचने से कहां मिलते हैं तमन्नाओं के शहर, चलना भी जरूरी है मंजिल को पाने के लिए!’ बस यही सोचकर विकास के उस कारवां को प्रगति के पथ पर ले जाने की जिम्मेवारी वर्तमान में यहां कार्यरत सभी अधिकारियों ने बखूबी निभाई है। अल्प समय में ही यह प्रशिक्षण केंद्र अभूतपूर्व  ख्याति प्राप्त करने में सफल हुआ है जिसका श्रेय प्रदेश सरकार के मुखिया श्री जयराम ठाकुर, पुलिस महानिदेशक श्री संजय कुंडू व संस्थान के ओजस्वी प्रधानाचार्य को जाता है। अपने 25 वर्षों के सफर में इस संस्थान ने लगभग बारह हजार नवनियुक्त पुलिस जवानों को मूलभूत प्रशिक्षण देकर जनसेवा के लिए अर्पित किया है। लगभग इतनी ही संख्या में अन्य श्रेणी के जवानों को मूलभूत प्रशिक्षण, पदोन्नति व अन्य विभागीय कोर्स करवा कर निपुणता हासिल करवाई है। इस सफर के दौरान करीब उन्नीस हजार इन-सर्विस कोर्स इस संस्थान में आयोजित किए गए हैं। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भी प्रत्येक वर्ष इस संस्थान में राष्ट्रीय स्तर के कई प्रकार के कोर्सों का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारी हिस्सा लेते हैं।

 यही नहीं, बल्कि यह संस्थान प्रदेश पुलिस के जवानों के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के जवानों को भी प्रशिक्षण देने में अग्रणी रहा है। वर्ष 2014-15 में रेलवे पुलिस में नवनियुक्त 1465 महिला एवं पुरुष जवानों को मूलभूत प्रशिक्षण प्रदान किया गया था तथा लॉकडाउन से पहले लद्दाख पुलिस के जवानों को प्रशिक्षण देने के लिए लद्दाख प्रशासन द्वारा अनुरोध किया गया था जिसकी तैयारियां भी की जा चुकी थीं, लेकिन कोविड-19 के चलते इसे स्थगित करना पड़ा। जहां एक तरफ उत्तम प्रशिक्षण स्तर व मापदंडों के चलते यह संस्थान देशभर में प्रथम स्थान हासिल करने में सफल हुआ है, वहीं दूसरी ओर हाल ही में इस संस्थान में कार्यरत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री प्रवीण धीमान, पुलिस उप अधीक्षक श्री कुलदीप कुमार, मुख्य आरक्षी विनोद कुमार व आरक्षी सुनील कुमार को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा वर्ष 2019-20 के दौरान प्रशिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएं देने के  लिए मेडल से नवाजा गया है। इससे पूर्व भी यहां कार्यरत कई अधिकारियों को राष्ट्रीय स्तर के मेडल्स से नवाजा गया है। बदलते हुए परिवेश में जहां अपराधियों द्वारा अपराध को अंजाम देने के लिए साइबर क्राइम जैसे तरीकों को अपनाया जा रहा है, उसी तरह पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय में प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को साइबर क्राइम जैसे अपराधों से निपटने के लिए सक्षम व सुयोग्य बनाया जा रहा है। प्रत्येक जवान को चुनौतियों से निपटने के लिए शारीरिक व मानसिक तौर पर मजबूत बनाया जा रहा है।


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