पुस्तक समीक्षा : संस्कृति-इतिहास को एक सूत्र में पिरोती किताब

By: Apr 18th, 2021 12:05 am

रमेश चंद्र मस्ताना की पुस्तक ‘मिट्टिया दी पकड़ आज ही हाथ लगी। पुस्तक को पहाड़ी में लिखा गया है। इसमें कांगड़ा जनपद के तमाम रीति-रिवाज दर्ज हैं। पुस्तक में रीति-रिवाजों के साथ-साथ इतिहास को भी विस्तृत रूप से जगह दी गई है। ऐसा ही एक प्रयास बहुत पहले संयुक्त पंजाब का हिस्सा रहे कांगड़ा के बड़े अधिकारी महेंद्र सिंह रंधावा ने भी किया था। हालांकि उनके अंग्रेजी संस्करण का जब पहाड़ी में अनुवाद हुआ होगा तो कई शब्द गूढ़ पंजाबी के भी उसमें मिश्रित थे। रमेश मस्ताना ने इस बात का खूब ख्याल रखा है कि पहाड़ी को उच्चारण के ही अनुसार लिखा जाए।

बहरहाल ऐसे प्रयास निरंतर जारी रहें तो कांगड़ा का समस्त इतिहास एक ही किताब में उपलब्ध हो सकता है। कांगड़ा जनपद चूंकि कई किरदारों के इतिहास का गवाह है, ऐसे राजा-महाराजा, प्रजा, वीर सपूत, और ऐसे कई किस्से इसे संपूर्णता प्रदान करते हैं। संस्कृति और इतिहास के हर पहलू को एक सूत्र में पिरोती यह पुस्तक वास्तव में ही सहेजने योग्य है। प्रिय प्रकाशन मस्त कुटीर से प्रकाशित और इंपीरियल प्रिंटिंग प्रेस से मुद्रित इस पुस्तक का कुल मूल्य 500 रुपए है। 242 पन्नों की पुस्तक को बहुत ही आकर्षक आवरण के साथ बाजार में उतारा गया है। लेखक को इस भगीरथ प्रयास के लिए साधुवाद।

-ओंकार सिंह


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App