स्टाफ की कमी से जूझ रहा फायर ब्रिगेड

By: Apr 9th, 2021 12:45 am

नालागढ़ में न है फायर आफिसर, न ही है लीडिंग फायरमैन, औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण होती हंै आगजनी की घटनाएं

कार्यालय संवाददाता-नालागढ़
नालागढ़ में जहां गर्मी चरम पर पहुंच रही है और क्षेत्र का तापमान 33 डिग्री पार कर गया है, वहीं आगजनी की घटनाओं में भी इजाफा होने लगा है, लेकिन आग की घटनाओं की रोकथाम करने वाला फायर ब्रिगेड स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है। बताया जाता है कि फायर ब्रिगेड नालागढ़ में न तो फायर आफिसर तैनात है और न ही लीडिंग फायरमैन है। फायरमैन भी संख्या के अनुरूप आधे हंै और होमगार्ड के जवानों के सहारे ही दमकल केंद्र चल रहा है। प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक हब होने के कारण यहां आगजनी की घटनाएं घटित होती है और करोड़ों की संपत्ति आगजनी की भेंट चढ़ जाती है। 15 अप्रैल से फायर सीजन शुरू हो रहा है, लेकिन उससे पहले ही क्षेत्र में आगजनी की घटनाएं घटित होने लगी है।

क्षेत्र का अधिकतम तापमान 33 डिग्री पार कर दिया गया है और फायर सीजन पीक पर आने को है, लेकिन फायर ब्रिगेड नालागढ़ में स्टाफ का टोटा चला हुआ है। जानकारी के अनुसार नालागढ़ के फायर आफिसर 31 मार्च को सेवानिवृत हो गए है और उसके बाद से यह पद रिक्त चला हुआ है। यहां लीडिंग फायरमैन के तीन पद स्वीकृत है, जिसमें से एक ट्रेनिंग पर गया हुआ है, जबकि एक अंडर ट्रांसफर है और उसने अपनी एडजस्टमेंट करवा ली है। तीसरा लीडिंग फायरमैन यहां अस्थायी रूप से भेजा गया है, जिसके आदेश 19 अप्रैल तक किए गए है। फायरमैन की बात करें तो यहां पर स्वीकृत 12 पदों में से मौजूदा समय में मात्र सात फायरमैन तैनात है। होमगार्ड के छह फायरमैन व तीन चालक यहां सेवारत है, जबकि दमकल विभाग के अपने यहां चार नियमित चालक है। वाहनों की सं या भी यहां औद्योगिक क्षेत्र होने के चलते बहुत कम है। यहां एक मिनी वॉटर टेंडर, एक वॉटर बाउजर व एक क्यूआरबी है।

ऐसे में औद्योगिक क्षेत्र में आगजनी की घटनाओं पर पार पाने के लिए दमकल विभाग के पास न तो साधन है और न ही पर्याप्त स्टाफ है, जबकि औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के प्रमुख दो बड़े शहरों नालागढ़ व बद्दी में भीष्ण गर्मियों में आगजनी की बड़ी-बड़ी घटनाएं घटित हो जाती है, जिसमें कई बार जान व माल तक का नुकसान हुआ है। औद्योगिकीकरण के बाद बीबीएन क्षेत्र में रिकार्ड औद्योगिकीकरण हुआ है और यहां छोटी-बड़ी करीब 2800 औद्योगिक इकाइयां स्थापित है। कई बार भीष्ण आगजनी की घटनाओं में जहां करोड़ों रुपए की संपत्ति आग की भेंट चढ़ी है, वहीं जानी नुकसान भी हुआ है। क्षेत्र में आग लगने की घटनाओं में जंगलों से लेकर मकानों, फसलों और उद्योगों की आग शामिल होती है, जिसमें जान व माल का नुकसान होता है। चीफ फायर आफिसर जेसी शर्मा ने बताया कि विभाग में डीपीसी होनी है और नालागढ़ सहित अन्य अग्निशमन केंद्रों में रिक्त पड़े पदों को भर लिया जाएगा।


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