बाजार में जल्द आएगी कुल्लवी साड़ी
निर्माण में जुटीं बुनकर सोसायटियां, उपायुक्त डा. ऋचा वर्मा ने किया प्रोत्साहित
दिव्य हिमाचल ब्यूरो — कुल्लू
खूबसूरत डिजाइनों के साथ बहुचर्चित कुल्लवी ऊनी साड़ी जल्द ही बाजार में उतरेगी। उपायुक्त डा. ऋचा वर्मा ने इसके लिए पूरी तेयारियां कर ली हैं। विशुद्ध कुल्लवी डिजाइन में तैयार साड़ी की गत दिनों बंजार में मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी व हिमाचल प्रदेश राज्य रेडक्रॉस सोसायटी की उपाध्यक्ष साधना ठाकुर ने विधिवत् लांचिंग की है। कुल्लवी साड़ी के विकास व इसके बड़ेे पैमाने पर निर्माण को लेकर डा. ऋचा वर्मा ने सोमवार को एनआईसी कुल्लू में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हथकरघा के क्षेत्र में कार्यरत जिला के 23 बुनकरों एवं हैंडलूम सोसायटीज से परिसंवाद किया। वीडियो कान्फें्रसिंग में भुट्टी बीवर से मुख्य महाप्रबंधक रमेश ठाकुर, सोहन सिंह मास्टर बीवर मेरिट सर्टिफिकेट 2014, कुल्लू शॉल, बोध शॉल बीवर के मालिक व मास्टर बुनकर पलजोर बोध, त्रिपुरा नग्गर हेंडीक्राफ्ट, हैंडलूम से स्नेहलता के अलावा विभिन्न बुनकर सोसायटियां, बिजलेश्वर हैंडलूम हेंडीक्रॉफ्ट, ग्रेट हिडिंबा हैंडलूम हेंडीक्राफ्ट, मनु बीवर, हिल क्वीन हैंडलूम हेंडीक्राफ्ट, महादेव हैंडलूम हेंडीक्राफ्ट के अलावा राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता 2015 उत्तम चंद, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता 2016 वलविंदर पाल, मास्टर बुनकर राकेश तथा महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र कुल्लू ने भाग लिया।
साढ़े पांच मीटर होगी साड़ी की लंबाई
डा. ऋचा वर्मा ने कहा कि कुल्लवी वूलन साड़ी बनाने के लिए ताना व बाना दोनों में 2.48, 2.56 , 2.72 तथा 2.90 कांउट के वूलन धागे का प्रयोग किया जा सकता है। कंघी 40े से 72 नंबर तक धागों के अनुसार उपयोग की जा सकती है। साड़ी की लंबाई साढ़े पांच मीटर एवं ब्लाउज सहित साढ़े छह मीटर की प्रचलन में हैं। साड़ी की चैड़ाई 48 इंच फिनिशिंग के बाद आनी चाहिए, जबकि साड़ी का वजन 600 ग्राम से 900 ग्राम तक होना चाहिए। एक्स्ट्रा वेफट में डिजाइन के लिए 232, 248 कांउट आदि का ऊनी धागा या कैशमिलोन धागे का प्रयोग किया जा सकता है। डा. ऋचा वर्मा ने कुल्लवी वूलन साड़ी का अवलोकन किया।
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