सूखी घास और भूसे से लहलहाएंगे आम और लीची

By: Apr 21st, 2021 12:16 am

बागबानी विभाग बागबानों को नई तकनीकों पर दे रहा जानकारी, कांगड़ा में आम का उत्पादन होता है सबसे अधिक

सिटी रिपोर्टर – धर्मशाला
प्रदेश भर में पिछले दो से तीन महीनों के भीतर बारिश न होने से गेंहू और खाद्यान फसलों के उत्पादन में भारी कमी आई है। सूबे में फलों के उत्पादन में कोई कमी न आए, इसके लिए बागबानी विभाग अभी से सतर्क हो गया है। यहां पर सबसे अधिक पैदावार होने वाले फल आम, लीची और नींबू वर्गीय पौधों में फलन हो रहा है। इस दौरान मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में नमी का होना बहुत आवश्यक है। इसके लिए बागबानों को नई तकनीकों के बारे में जानकारी बागबानी विभाग की ओर से दी जा रही है। फलों के पौधों में नमी बनाए रखने के लिए सूखे घास अथवा भूसे की 15 सेंटीमीटर मोटी परत या प्लास्टिक की मल्च बिछाई जा सकती है।

इससे भूमि में जहां एक ओर नमी बनी रहती है, वहीं दूसरी ओर वाष्पीकरण रुक जाने से भूमि में खरपतवार नहीं उगते हैं। वहीं सूक्ष्म सिंचाई पानी और खाद को पौधों की जड़ों में पहुंंचाने का सबसे उत्तम तरीका है। जिन बागबानों के पास सिंचाई के पर्याप्त साधन है, वह लोग अपने बागीचों में टप्पक फवारा लगाकर पौधों को सूखे से बचा सकते हैं। सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित करने के लिए बागबानों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 80 प्रतिशत का अनुदान भी दिया जाता है। इस प्रणाली से जहां पानी की 50-60 प्रतिशत बचत होती है, वहीं पानी सीधा पौधों की जड़ों को प्राप्त होता है।

क्या कहते हैं उपनिदेशक कमलशील नेगी

बागबानी विभाग के उपनिदेशक कमलशील नेगी ने कहा कि जिला में अभी तक सूखे की वजह से फलों के उत्पादन में कमी आने की संभावना नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि अभी फलन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इस दौरान पौधों में नमी का होना बहुत आवश्यक है। आने वाले समय में अगर अच्छी बारिश नहीं होती है, तो इसका दुष्प्रभाव फलों के उत्पादन पर पड़ सकता है। बागबान अभी से सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के माध्यम से पौधों को सूखे से बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से बागबानों को सूखे और पौधों को अन्य बीमारियों से बचाने के लिए नई तकनीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिससे फलों के उत्पादन में कोई कमी न आए और किसानों को भी पर्याप्त आमदनी मिले।

49,422 मीट्रिक टन फलों के उत्पादन का है लक्ष्य
कांगड़ा में 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र पर फलों का उत्पादन किया जाता है। पिछले वर्ष जिला कांगड़ा में 45,803 मीट्रिक टन फलों का उत्पादन हुआ था। इस वर्ष के लिए बागबानी विभाग ने 49,522 मीट्रिक टन फलों के उत्पादन का लक्ष्य रखा है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App