शिव महापुराण

By: Apr 1st, 2021 12:15 am

गतांक से आगे…
पांच मंत्र ऐसे बताए जिनमें समस्त विद्याएं विद्यमान हैं, पहले हमें पुराणों की शिक्षा दी गई। जिसके अक्षर वेद कहे जाते हैं इसके पश्चात उन्होंने वेदों की माता गायत्री की व्याख्या की जिसमें कि अक्षर वेद कहे जाते हैं। इसके पश्चात उन्होंने महामृत्युंजय की शिक्षा दी। फिर भक्तों को सुख देने वाली चिंतामणि को बतलाया। इन मंत्रों को पढ़कर हम अत्यंत प्रसन्न हुए।

इसके पश्चात मैं और विष्णु उनके दर्शन में लीन हो गए और वह आनंद प्राप्त हुआ जो कि कहा नहीं जा सकता। जो सुख सर्दियों में धूप और कामी पुरुष को स्त्री से प्राप्त होता है वही सुख हमें भगवान श्री सदाशिव के दर्शन करने से हुआ। भगवान श्री सदाशिव बोले, श्रेष्ठ देवो! मैं तुम दोनों की भक्ति देखकर बहुत प्रसन्न हुआ। हे ब्रह्मा! मैं तुम्हें सारी सृष्टि का स्वामी बना देता हूं। तुम प्राणियों की सृष्टि करो और वेदों को देखकर मुझे पहचानो और उचित रीति से अपने -अपने काम करो। वेद को मेरा रूप तथा वेद वाक्यों को मेरी बात मानो। यह सुनकर हम लोगों ने कहा, प्रभु आप संसार में अवतार धारण करके हमारी सहायता करें। हमें पूजन इत्यादि की विधि बताएं। हम लोगों की प्रार्थना सुनकर भगवान सदाशिव ने कहा, हर प्रकार की चिंता को त्यागकर तुम स्वंय सुख भोगते हुए संसार को सुखी बनाओ तुमने मेरा जो स्वरूप देखा है।

तुम्हें उसकी प्राप्ति होगी। इस समय जैसे मेरे लिंगरूप के पूजन सेे तुम लोगों का दु:ख दूर हुआ है। इसी तरह दु:खी व्यक्ति मेरे लिंगरूप द्वारा मेरा पूजन करके अपने अपने दु:खों को दूर कर सकते हैं। लिंग के अर्थ हैं संसार के कष्ट क्षय होने का स्थान। जब भी तुम्हें किसी प्रकार का कष्ट हो तुम मेरे लिंगरूप की पूजा करना। समय आने पर मैं भी प्रकट होऊंगा। मेरा नाम उस समय रुद्र अवतार होगा। मुझमें और रुद्र में भेद न जानना। सारी सृष्टि में मुझे व्यापक समझना, कोई भी वस्तु मुझसे पृथक नहीं है। इसके पश्चात भगवान सदाशिव ने उस गुप्त भेद को भी हम पर प्रकट कर दिया जो कि वेदों में नहीं मिलता। उन्होंने कहा, मैं सनातन, शिव रूप मूल भूत, सत्य ज्ञान और अनंत हूं। इन तत्त्वों को जानकर सर्वदा मेरा ध्यान करना चाहिए। क्योंकि वह वैचारिक है। किंतु वास्तव में तामसी नहीं है। अत: हे ब्रह्मा! अब तुम सृष्टि के कर्ता बनो और भगवान विष्णु सृष्टि के पालक बनें और मेरा रुद्र अंश जो है, वह सृष्टि को क्षय करने वाला होगा और यह जो उमा नाम वाली प्रकृति है उसी को शक्ति भगवान श्री विष्णु को लक्ष्मी और ब्रह्मा को बाग देवी अर्थात सरस्वती के रूप में प्राप्त होगी और उमा स्वयं प्रकट होकर महादेव को अपनाएगी। तीनों देव अपनी शक्तियों सहित मेरा पूजन करेंगे। – क्रमश:


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App