कांगड़ा में इस बार…घट गई गेहं की पैदावार

By: Apr 21st, 2021 12:07 am

फसल के उत्पादन में 63040 मीट्रिक टन की कमी, 80 प्रतिशत कृषि क्षेत्र बारिश पर निर्भर

सिटी रिपोर्टर- धर्मशाला
प्रदेश की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ कही जाने वाली कृषि इस वर्ष पर्याप्त बारिश न होने के चलते बहुत अधिक प्रभावित हुई है। कृषि के क्षेत्र में सबसे अधिक हिस्सेदारी रखने वाली फसल गेहंू को मौसम ने सबसे अधिक प्रभावित किया है। प्रदेश का लगभग 80 प्रतिशत कृषि युक्त क्षेत्र वर्षा सिंचित है और यहां के किसान अधिकतर इंद्र देवता पर ही निर्भर रहते हैं, लेकिन इस वर्ष पिछले दो से तीन महीनों के दौरान पर्याप्त बारिश न होने से कृषि क्षेत्र बहुत अधिक प्रभावित हुआ है। गेहंू की फसल को पर्याप्त मात्रा में पानी न मिलने से यह फसल सबसे अधिक प्रभावित हुई है। जिला कांगड़ा के 91 800 हेक्टेयर के क्षेत्र में गेहंू का उत्पादन किया जाता है। वहीं, पिछले वर्ष जिला कांगड़ा में एक लाख 65 हजार मीट्रिक टन गेहंू का उत्पादन हुआ है, लेकिन इस वर्ष पर्याप्त बारिश न होने के चलते फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है, जहां पर सिंचाई के पर्याप्त साधन नहीं थे, उन क्षेत्रों में फसल के उत्पादन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है और किसानों को बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़ा है। इस वर्ष के लिए कृषि विभाग ने 1 85759 मीट्रिक टन गेहंू के उत्पादन का अनुमान लगाया था, लेकिन कृषि विभाग की मानें, तो जिला कांगड़ा में इस वर्ष गेहंू के उत्पादन में 63040 मीट्रिक टन की कमी आने की संभावना है। ऐसे में किसानों की परेशानी अब बहुत अधिक बढ़ गई है।

जिला कृषि अधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि जिला कांगड़ा में गेहंू के उत्पादन में 63040 मीट्रिक टन की कमी होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में सिंचाई के साधन पर्याप्त नहीं है, उन क्षेत्रों में गेहंू की फसल सबसे अधिक प्रभावित हुई है, जिन क्षेत्रों में सिंचाई के साधनों की पर्याप्त व्यवस्था थी, उन क्षेत्रों में गेहंू का उत्पादन अच्छा हुआ है। कृषि प्रदेश का सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण व्यवसाय है। प्रदेश में पर्याप्त उद्योग न होने से यहां की जनता कृ षि पर निर्भर है। गेहंू, मक्का, जौं और धान यहां की प्रमुख फसलें हैं। कृषि भूमि केवल 10.4 प्रतिशत है। यह अधिकतर वर्षा सिंचित है और प्रदेश के किसान इंद्र देवता पर ही निर्भर रहते हैं। कृषि 69 प्रतिशत कामकाजी आबादी को सीधे रोजगार प्रदान करती है। कृषि और इससे संबंधित क्षेत्र से प्रदेश को 22.1 प्रतिशत की आय होती है, लेकिन कृषि क्षेत्र प्रभावित होने से और गेंहुं के उत्पादन में कमी आने से प्रदेश की आय और अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पडऩे की संभावना है।


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