नगर निगम को दुकान की चाबियां नहीं देंगे दुकानदार

By: May 27th, 2021 12:01 am

शिमला शहर में स्मार्ट सिटी के तहत बनाई जा रही दुकानों को लेकर कोरोबारी निराश, समय पर दुकानों को तैयार न करने पर दुकानदारों ने जताया विरोध

नगर संवाददाता-शिमला
शहर में स्मार्ट सिटी के तहत बनने वाली प्री फैब्रिकेटेड दुकानों को लेकर विवाद हो गया है। नगर निगम की ओर से कारोबारियों को जिन दुकानों को खाली करने के नोटिस जारी किए थे, अब उन्हें कारोबारी निगम को नहीं देंगे। व्यापार मंडल शिमला ने निर्णय लिया है कि वे अपनी दुकानों को स्मार्ट सिटी के तहत नहीं बनाना चाहते हैं। इसलिए वे दुकानों की चाबियां नगर निगम को नहीं देंगे। ऐसे में शिमला शहर को स्मार्ट बनाने के निगम के फैसले को तगड़ा झटका लगा है। व्यापार मंडल ने स्मार्ट सिटी के तहत बनने वाली प्री फैब्रिकेटेड दुकानों पर सवाल उठाए हैं। आरोप हैं कि इसमें घटिया सामग्री लगाई जा रही है और पैसों का दुरुपयोग को रहा है। अभी तीन ही दुकाने लोअर बाजार में बनी है। ऐसे में इसका काम नौ महीने में पूरा हुआ है। इतने लंबे अंतराल के कारण कारोबारी पूरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। पहले हिमुडा दुकानें बना रहा था, अब नगर निगम दुकानें बना रहा है। कभी ऊंचाई ज्यादा होने पर दुकानें उखाड़ दी जाती है तो कभी डिजाइन अच्छा न होने का बहाना बनाया जा रहा है। इस कारण जनता के पैसों की बर्बादी हो रही है।

शिमला की सब्जी मंडी और लोअर बाजार में स्मार्ट सिटी के तहत दुकानों को नए सिरे से बनाने का प्लान है। इस पर 120 करोड़ रुपए खर्च होंगे। चरणबद्ध तरीके से दुकानों को तोड़ा जाएगा। हिमुडा ने बाजारों में स्थित निगम की 132 दुकानों के टेंडर किए। इन दुकानों के डिजाइन फाइनल कर दिए गए। जबकि अभी तक सिर्फ तीन ही दुकानें बनाई गई है, उस पर भी कई तरह की आपत्तियां लगी हैं। शहर में निगम की 927 दुकानें हैं। इन सभी दुकानों को शिफ्ट करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। कारोबारी सवाल उठा रहे है कि नौ महीने में सिर्फ तीन ही दुकानें बनाई, 467 बननी प्रस्तावित हैं। कारोबारियों का कहना है कि सब्जी मंडी, लोअर बाजार में जिस जगह यह दुकानें बन रही हैं, उस सड़क के दूसरी ओर उनकी दुकानें और रिहायशी मकान हैं। पहले यहां छोटी-छोटी दुकानें थी, लेकिन नगर निगम अब स्मार्ट सिटी के तहत दो मंजिला दुकानें बना रहा है। एनजीटी ने कोर एरिया में सिर्फ ओल्ड लाइन पर निर्माण की अनुमति दी है, लेकिन यहां उसके उल्ट काम हो रहा है। नगर निगम की ओर से कहा गया था कि सब्जी, करियाना शॉप और ढाबे के अंदर का डिजाइन अलग-अलग रहेगा। ताकि कारोबारियों को सामान रखने या बेचने में परेशानी न हो। कारोबारी बताएंगे कि दुकान के भीतर उन्हें किस तरह के रैक या अलमारियां चाहिए। जबकि अब कारोबारियों को पूछा ही नहीं जा रहा है।

बनाई जानी हैं 467 नई दुकानें
शहर में 467 दुकानों को तोड़कर इनकी जगह प्री फैब तकनीक से नई दुकानें बनाई जानी हैं। सब्जी मंडी और लोअर बाजार में काम शुरू तो हुआ है, लेकिन नौ महीने में तीन ही दुकानें बना पाए हैं। इन्हीं बाजारों में सबसे ज्यादा नई दुकानें बननी हैं। इसके बाद गंज और राम बाजार में भी निगम पुरानी दुकानों की जगह नई दुकानें बनाएगा। इसका पैसा स्मार्ट सिटी से जारी किया जाएगा। हालांकि दुकानों के निर्माण और इसके नक्शे को लेकर भी निगम पर सवाल उठ चुके हैं। हिमुडा जो दुकानें बना रहा है वह पुरानी दुकानों से काफी ऊंची है, अब हिमुडा के बाद नगर निगम को दुकानें बनाने का काम दिया गया है।


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