प्राइवेसी पॉलिसी पर अड़ा व्हाट्सऐप

By: May 18th, 2021 12:01 am

सोशल मैसेजिंग ऐप ने कहा, न मानने वालों के डिलीट होंगे अकाउंट

मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप ने प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर यूजर्स को कोई मोहलत न देने की बात कही है। व्हाट्सऐप ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि उसकी ओर से यूजर्स से नए प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए पूछा जा रहा है। सोशल मीडिया कंपनी ने अपने वकील कपिल सिब्बल के माध्यम से अदालत को बताया कि उसकी ओर से यूजर्स से प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए कहा जा रहा है। यही नहीं जो यूजर इस पॉलिसी को स्वीकार नहीं करेंगे, उनके अकाउंट्स को धीरे-धीरे डिलीट कर दिया जाएगा। कपिल सिब्बल ने बताया, हमने यूजर्स से पॉलिसी को लेकर सहमत होने का आग्रह किया है। यदि वे सहमत नहीं होंगे तो हम उन्हें डिलीट कर देंगे.., इस पॉलिसी को स्थगित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। कंपनी की ओर से प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार्य करने की अनिवार्यता को लेकर विवाद छिड़ गया था। जनवरी में कंपनी की ओर से इस पॉलिसी का ऐलान किया गया था, जिसके बाद उसने इसे मई तक के लिए स्थगित कर दिया था। कंपनी की नई पॉलिसी के मुताबिक व्हाट्सऐप को यह अधिकार होगा कि वह यूजर्स के इंटरेक्शन से जुड़ा कुछ डाटा पेरेंट कंपनी फेसबुक से साझा कर सके।

हाई कोर्ट की ओर से फिलहाल मामले की सुनवाई को तीन जून तक के लिए टाल दिया गया है। अडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और याचिकाकर्ताओं की ओर से यथास्थिति की मांग की गई थी। इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई को टालने का फैसला लिया। हालांकि व्हाट्सऐप ने सुनवाई के दौरान स्टे लगाने पर विरोध किया। सीमा सिंह और लॉ स्टूडेंट चैतन्य रोहिल्ला की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान वॉट्सऐप ने यह बात कही। याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि केंद्र सरकार को आदेश दिया जाए कि वह व्हाट्सऐप से इस नई पॉलिसी को वापस लेने के लिए कहे। यदि ऐसा नहीं हो सकता है तो फिर यूजर्स को विकल्प मिले कि वे पॉलिसी को स्वीकार करें या फिर चार जनवरी, 2021 के अपडेट को न चुनें। व्हाट्सऐप ने उसकी नई निजता नीति को चुनौती देने वाली याचिका के जवाब में हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामे में कहा है कि व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करने वाले किसी भी व्यक्ति की कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। साथ ही कहा है कि वह अपने किसी भी उपयोगकर्ता को नई निजता नीति को अपनाने के लिए दवाब नहीं डालेगा। हलफनामा में यह भी कहा गया है कि उपयोगकर्ताओं को इस बात की छूट है कि वह उसकी नई नीति को स्वीकार करे या नहीं। व्हाट्सऐप ने उच्च न्यायालय में साफ कहा है कि कानूनी तौर पर किसी भी उपयोगकर्ता को अपनी सेवा देने के लिए बाध्य नहीं है, चाहे तो वे उसका प्लेटफार्म छोड़ सकता है और व्हाट्सऐप को अपने मोबाइल से डिलीट कर सकता है। सोमवार को पीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई होगी।


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