नई पेंशन के खिलाफ काली पट्टियां
मंडी में कर्मचारियों ने मनाया ब्लैक-डे, पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग तेज
कार्यालय संवाददाता-मंडी
नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ की राज्य कार्यकारिणी के आदेशानुसार शनिवार को जिला मंडी के 16 ब्लॉकों में अधिकारी/ कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर काला दिवस मनाया। महासंघ के जिला अध्यक्ष लेखराज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 15 मई 2003 के बाद सरकारी सेवा में काम करने वाले अधिकारी कर्मचारी वर्ग को उनकी सेवानिवृत्ति होने के पश्चात नाम मात्र 500 से 2000 पेंशन लग रही है। वह भी अपने ही जमा पैसे की लग रही है। इससे ज्यादा तो प्रदेश सरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन ही दे रही है तो प्रदेश का जो कर्मचारी सरकार को अपनी जिंदगी के 30 से 35 वर्ष सेवा देता है उसके साथ यह छलावा क्यों किया जा रहा है। आखिर क्यों कर्मचारी की इच्छा के विरुद्ध उसका पैसा शेयर मार्केट में लगाया जा रहा है यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का कर्मचारी सुरक्षित नहीं है उसको हर पल अपने बुढ़ापे की चिंता सताए जा रही है।
उन्होंने कहा कि एनपीएस कर्मचारियों की दुर्दशा देखकर भी सरकार का सीना क्यों नहीं पिघल रहा है। आज प्रदेश का कर्मचारी वैश्विक महामारी में अपने प्राणों की परवाह न करते हुए सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हाल ही में 22 कर्मचारियों ने कोरोना महामारी की चपेट में आकर अपने प्राण त्याग दिए हैं और लगभग 100 के करीब कर्मचारी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार को कर्मचारियों की थोड़ी सी भी परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पेंशन विहीन अधिकारी /कर्मचारियों ने सात मार्च से लगातार जिला बार 20 मार्च तक शिमला में धरना दिया था, जिसमें 20 मार्च को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वादा किया था कि 15 अप्रैल से पहले पहले हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को 2009 की नोटिफिकेशन के साथ और भी कर्मचारियों के हितों में घोषणा करेंगे परंतु सरकार ने कर्मचारियों की एक नहीं मानी। शनिवार को जिला मंडी के 90 प्रतिशत पेंशन विहीन कर्मचारियों ने अपने कार्यस्थल व घरों पर काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्वक ढंग से काम करने से यह बता दिया कर्मचारियों के अंदर कितना आक्रोश है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के लिए कमेटी के गठन करने के लिए भी आश्वासन दिया था, जोकि अभी तक पूरा नहीं किया गया। अत: भारत के संविधान को मद्देनजर रखते हुए जल्द से जल्द हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन लागू की जाए, क्योंकि हमारा देश एक कल्याणकारी राज्य है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछेक नेतागण नई पेंशन स्कीम को बहुत ही कल्याणकारी स्क्रीन मानते हैं तो 2003 के बाद जितने भी विधायक वह सांसद चुने गए हैं वह भी पुरानी पेंशन छोड़कर नई पेंशन प्रणाली को अपनाएं।
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