पुस्तक समीक्षा : बच्चों को लुभाता कविता संग्रह

By: May 30th, 2021 12:04 am

डा. नलिनी विभा ‘नाज़ली’ का बाल कविता संग्रह ‘अनमोल सच’ बच्चों को लुभाने की पूरी कोशिश करता नजर आता है। 96 पृष्ठों में संकलित 69 कविताएं जहां आकार में काफी छोटी हैं, वहीं प्रभाव में दीर्घ लगती हैं। अमृत प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित इस बाल कविता संग्रह की कीमत 350 रुपए है। डा. नलिनी एक बहुआयामी व्यक्तित्व का नाम है। वह अनेक भाषाओं की विदुषी, विविध विधाओं की सशक्त लेखिका और संवेदनशील कवयित्री हैं।

इनकी स्व-चित्रांकित कलाकृतियों की अनेक चित्रकला-प्रदर्शनियों में गौरवमयी सहभागिता रही है। फलस्वरूप उन्होंने अपने जीवन में आज तक दो सौ से अधिक सम्मानोपाधियां अर्जित की हैं। आज नैतिक मूल्य गिर रहे हैं, देशप्रेम की परिभाषाएं बदल रही हैं, राष्ट्रीय एकता की भावना और सुदृढ़ता चाहती है। इस परिप्रेक्ष्य में बाल-मनोविज्ञान को आधार मानकर इस कृति में कविताओं के माध्यम से बच्चों में सुसंस्कार अंकुरित करने का सुप्रयास किया गया है। उन्होंने कविता और चित्रकला का सहारा लेकर कोमलमति शिशुओं को सम्यक संस्कारित करने की दिशा में नितांत स्तुत्य प्रयास किया है। कविताओं का वर्ण्यविषय भी व्यापक और वैविध्यपूर्ण है। पठन, पाठन और सृजन के दीर्घकालीन अनुभव को उन्होंने प्रस्तुत संकलन में उंडेल दिया है। कविताओं की भाषा और भाव सरल, सरस और हृदय को स्पंदित करने वाले हैं। प्रत्येक कविता के साथ संबद्ध चित्र सुरम्य और विषयानुरूप है। इस संकलन के रूप में सागर मेघ बनकर तृषित-धरा पर बरसा है। आशा है बच्चों को यह पुस्तक अत्यंत रुचिकर लगेगी और वे निश्चित रूप से लाभान्वित होंगे।

-फीचर डेस्क


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