मंत्री डा. सहजल ने लोगों को बताया योग का महत्त्व

By: May 24th, 2021 12:01 am

आयुष घरद्वार कार्यक्रम के तहत कुल्लूवासियों से वर्चुअली किया संवाद

निजी संवाददाता — कुल्लू
योग हमारे देश की प्राचीन विद्या है, जो भारत को ऋषियों-मुनियों द्वारा प्रदान की गई अद्भुत कला है। व्यक्ति को आरोग्य बनाने में योग की बहुत बड़ी भूमिका है। सभी व्यक्तिओं को अपने नित्य प्रति जीवन में योग को अपनाना चाहिए। अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए कुछ समय हर रोज योग के लिए निकालना चाहिए। यह बात स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व आयुर्वेद मंत्री डा. राजीव सहजल ने शनिवार को आयुष आपके घर द्वार कार्यक्रम कुल्लू में होम आइसोलेशन में कोविड मरीजों तथा आयुष विभाग के चिकित्सकों, आर्ट ऑफ लीविंग व सेवा भारती संस्थान के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कही। इससे पूर्व डा. सहजल कार्यक्रम के तहत योग से भी जुड़े। डा. सहजल ने कहा कि कुल्लू जिला में लगभग 900 कोरोना मरीज होम आइसोलेशन में हैं। आयुष घरद्वार कार्यक्रम से सभी को जोडऩे का विभाग प्रयास कर रहा है। बीमारी से जल्द बाहर निकलने के लिए इन मरीजों के लिए विशेष तौर पर विभाग ने प्राणायाम और अनेक अन्य आसनों का प्रोटोकोल आर्ट आफ लिविंग संस्था के सहयोग से तैयार किया है।

प्राणायाम से मरीजों के ऑक्सीजन स्तर में सुधार हो रहा है। सबसे बड़ी बात कि आइसोलेशन के मरीजों का मनोबल बढ़ाने तथा उन्हें मानसिक तौर पर मजबूत बनाने में योग बहुत महत्त्वपूर्ण है। मरीजों का सीधे चिकित्सकों के साथ संवाद हो रहा है और आपस में भी संवाद स्थापित हो रहा है। इससे उन्हें अकेलापन कतई महसूस नहीं होता है। आयुर्वेद मंत्री ने इस दौरान आइसोलेशन मरीजों के साथ बातचीत की। उन्होंने मरीजों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और कहा कि आप जल्द बीमारी से बाहर आएं। उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक व्यक्ति के साथ है जो कोविड-19 से प्रभावित है। उन्होंने आइसोलेशन में मरीजों से आग्रह किया कि वे स्वास्थ्य विभाग और आयुर्वेद विभाग के दवाइयों के प्रोटोकोल का पालन करें। किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर 104 व 1077 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा आशा वर्कर्ज के माध्यम से भी अपनी समस्या को बता सकते हैं। चिकित्सक भी लगातार रोगियों के संपर्क में रहते हैं आप उनसे परामर्श ले सकते हैं। डा. सहजल ने आर्ट ऑफ लिविंग के जनक श्रीश्री रविशंकर को नमन करते हुए कहा कि वह देश दुनिया में योग जैसी प्राचीन भारतीय विधा का व्यापक प्रचार प्रसार कर रहे हैं। देश के लिए यह गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आर्ट आफ लीविंग के 700 से 800 प्रशिक्षक तैयार हो चुके हैं, जो अपने अपने क्षेत्रों में लोगों को योग से जोडऩे का निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने संस्था के प्रतिनिधियों से योग का और अधिक प्रचार-प्रसार करने को कहा। इसी बीच, आर्ट आफ लीविंग के प्रशिक्षक सुंदर ठाकुर ने मंत्री से वार्तालाप करते हुए कहा कि वह कुल्लू तथा लाहुल-स्पीति में पिछले 23 सालों से बहुत से लोगों को योग क्रियाएं सीखा रहे हैं।


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