जिला में दस फीसदी छात्र ऑनलाइन स्टडी से कोसों दूर

By: May 25th, 2021 12:01 am

सिटी रिपोर्टर-शिमला
ऑनलाइन स्टडी के परिणाम आने वाले समय में बहुत बूरे होने वाले है। भले ही शिक्षा विभाग व सरकार बड़े – बड़े दावे कर रहा हो, लेकिन कड़वी सच्चाई यही है कि अभी भी इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने की वजह से छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पा रही है। इसी के साथ जिला के ग्रामीण क्षेत्रों जिसमें कोटखाई, रामपुर, रोहड़ु, नालदेहरा व कई ऐसे इलाके है, जहां पर छात्रों के पास मोबाइल फोन भी नहीं है। शिक्षा विभाग के पास जिला के कई ईलाकों से ऐसी शिकायतें मिली है। इन शिकायतों में कहा गया है कि पहली से जमा दो तक के छात्रों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है।

खासतौर पर नवीं से लेकर जमा दो तक के छात्रों को ऑनलाइन स्टडी मैटीरियल नहीं मिल पा रहा है। जिला के कोटखाई क्षेत्र में कई ऐसे गांव है, जहां से छात्र पढ़ाई करने के लिए कई किलोमीटर दूर तक इंटरनेट ढूंढने के लिए आ रहे है। शिक्षा विभाग के पास कई अभिभावक व शिक्षकों ने इस बात को माना है कि जिला के अंदर भी दस प्रतिशत से ज्यादा छात्र ऑनलाइन स्टडी का हिस्सा नहीं बन पा रहे है। फिलहाल अब डेढ़ साल से ऑनलाइन भरोसे चली ऑनलाइन स्टडी के परिणामों का खतरा अभी से ही दिखाई देने लगा है। अगर इन समस्याओं का जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो इससे ऑनलाइन स्टडी को भारी नुकसान हो सकता है। दरअसल राज्य के प्रारंभिक शिक्षा विभाग के दस प्रतिशत छात्र और उच्च शिक्षा विभाग के चार प्रतिशत ऐसे छात्र है, जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है, इंटरनेट सुविधा से भी अछूते है, ओर इस वजह से चार से पांच माह से सही ढंग से पढ़ाई नहीं कर पा रहे है।

इसके अलावा सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले छात्र जो ऑनलाइन स्टडी से अछूते है, वो लाहौल, पांगी, किन्नौर, भरमौर के रहने वाले है। केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को नोटिस भी भेजा था, वहीं इस बाबत जल्द जवाब देने को कहा था, कि कैसे छात्रों की स्टडी को कोविड में पूरा किया जाएगा। फिलहाल अब केंद्र सरकार की नजर भी हिमाचल की ऑनलाइन स्टडी पर आ गई है। ऐसे में अब शिक्षा विभाग को इस ओर स ती से ध्यान देना होगा। दरअसल राज्य पहाड़ी क्षेत्र है, यहां की भगौलिक स्थिति भी सबसे अलग है। हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों में आज भी लोगोंं के पास स्मार्ट फोन नहीं है। वहीं इंटरनेटर, बिजली तक की सुविधाएं नहीं है। इस वजह से कोरोनाकाल के इस समय में छात्रों का ऑनलाइन स्टडी करना बड़ा मुश्किल हो रहा है। खासतौर पर शिमला जिला के उपरी क्षेत्रों में ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से छात्रों तक स्डटी मटीरियल पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं है।

छात्रों की पढ़ाई का आकलन करना भी जरूरी
ऑनलाइन स्टडी के साथ ही सरकार ने आदेश दिए है कि ऑनलाइन छात्रों के टेस्ट पर भी फोकस किया जाएं ताकि पांच से छह माह में छात्रों ने कितनी पढ़ाई की इस बारे में भी पता लग सके। कक्षा दसवीं से बारवीं तक के छात्रों के विशेष रूप से परीक्षाएं करवाने को कहा गया है। जिला के जिन छात्रों के पास ऑनलाइन स्टडी नहीं है, उन्हें ऑफ लाइन मैटीरियल व टेस्ट लेने को कहा है।


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