ब्लैक-वाइट के बाद अब देश में यलो फंगस

By: May 24th, 2021 2:52 pm

लखनऊ — ब्लैक फंगस, वाइट फंगस के बाद अब देश में यलो फंगस का पहला मामला मिला है। यलो फंगस का मरीज मिलने के बाद डाक्टरों की चिंता बढ़ गई है। यह वायरस मरीज के लिए जानलेवा हो सकता है। यलो फंगस का पहला मरीज उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मिला है। ईएनटी सर्जन डा. बीपी सिंह ने बताया कि गाजियाबाद का जो मरीज उनके पास आया वह संजय नगर का रहने वाला था।

उसमें नंजल एंडोस्कोपी के बाद यलो फंगस का पता चला। उन्होंने बताया कि यह फंगस इंसान में पहली बार पता चला है। डाक्टर बीपी सिंह ने बताया कि अभी तक यह यलो फंगस छिपकली जैसे रेपटाइल्स में होता था। यह जिस रेपटाइल को होता है वह जिंदा नहीं बचता। इसलिए यह जानलेवा माना जाता है, लेकिन पहली बार यह इनसान में मिला है।

डॉक्टर ने बताया कि यह म्युकस सेप्टिकस होता है। इनसान के शरीर में घाव बनाता है। इसे हीलिंग होने में समय लगता है। सेप्टीसीमिया पैदा कर सकता है। यहां तक कि सारे ऑर्गन डैमेज कर सकता है।

यलो फंगस के लक्षण
– नाक का बंद होना।
– शरीर के अंगों का सुन्न होना।
– शरीर में टूटन होना और दर्द होना।
– कोरोना से ज्यादा शरीर में वीकनेस होना।
– हार्ट रेट का बढ़ जाना।
– शरीर में घावों से मवाद बहना।
– शरीर कुपोषित सा दिखने लगना।

यलो फंगस का कारण
डाक्टरों की मानें तो यलो फंगस के पीछे कारण गंदगी है। यह फंगल सामान्यता जमीन पर पाया जाता है। जिस रेपटाइल की इम्युनिटी वीक होती है यह उसे पकड़ लेता है और उसके लिए जानलेवा बनता है। हो सकता है कोरोना में अब इनसानों की इम्युनिटी कम हो रही है तो यह फंगस उन्हें अपनी चपेट में ले रहा हो।

यलो फंगस से बचाव
– घर की और आसपास की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
– खासकर कोरोना से ठीक हुई मरीज की हाइजीन का खास ध्यान रखें, क्योंकि उनकी इम्युनिटी बहुत कमजोर होती है।
– खराब या बासी खाने का प्रयोग न करें।
– घर पर नमी न होने दें क्योंकि फंगस और बैक्टीरिया नम जगहों पर ज्यादा ऐक्टिव होता है।
– हो सके तो घर की नमी नापने के लिए यंत्र रखें।
– घर में 30 से 40 फीसदी से ज्यादा नमी खतरनाक हो सकती है।
– इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग रखें।
– हेल्दी डाइट लें, ताजा खाना खाएं।
– खूब पानी पिएं और ध्यान रखें कि पानी भी साफ होना चाहिए।


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