पशुओं में बांझपन के कारण तलाश रहे वैज्ञानिक

By: Jun 13th, 2021 12:55 am

कार्यालय संवाददाता—पालमपुर
पालमपुर स्थित वैटरिनरी कालेज के वैज्ञानिक प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के पशुओं के बांझपन के कारण तलाश रहे हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत कृषि विवि से संबद्ध वैटरिनरी कालेज के पशुु चिकित्सक दुर्गम क्षेत्रों में शिविरों का आयोजन कर रहे हैं। इस कड़ी में वैटरिनरी कालेज की टीम ने जिला लाहुल-स्पीति में छह शिविरों का आयोजन कर करीब सौ पशुओं की जांच की। जानकारी के अनुसार पिछले आठ वर्शों के दौरान वैटरिनरी कालेज के चिकित्सकों की टीम ने प्रदेश में लगभग 280 शिविरों का आयोजन किया है जिसमें करीब छह हजार से पशुओं की जांच करने के साथ ब्लड व यूटरीन डिस्चार्ज सैंपल लिए गए हैं। वैज्ञानिकों ने खनिजों, जैव रासायनिक और हार्मोनल प्रोफाइल और गर्भाशय के संक्रमण के विस्तृत निदान के लिए जननांग निर्वहन के नमूनों का अध्ययन करने के लिए रक्त के नमूने एकत्र किए।

लाहुल-स्पीति जिला के पशुओं में परजीवी भार और बांझपन के साथ उनके संबंध का अध्ययन करने के लिए मल के नमूने भी एकत्र किए गए। विभिन्न रोगों की विस्तृत जांच के लिए रक्त, गर्भाशय डिस्चार्ज और फेकल नमूने एकत्र किए गए हैं और उनका विश्लेषण किया गया है। क्लीनिक-गायनोकोलॉजिकल परीक्षा के माध्यम से प्रजनन संबंधी बीमारियों की क्षेत्रवार मैपिंग, रक्त जांच के माध्यम से पोषण संबंधी कमियां, प्रजनन समस्याओं के लिए परजीवी संक्रमण और गर्भाशय के संक्रमण के लिए जिम्मेदार माइक्रो फ्लो किया जा रहा है। इन शिविरों के दौरान कृषि विवि के कुलपति प्रो. हरिंद्र कुमार चौधरी ने वर्चुअल मोड से पशुपालकों से बात की। उन्होंने त्रिलोकीनाथ के पशुपालक मूलचंद से पशु संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा की।


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