पठानकोट से कांगड़ा घाटी को दौड़ी रेल

By: Jun 16th, 2021 12:12 am

टीम-नगरोटा सूरियां, जवाली
अंग्रेजों के जमाने के बने 165 किलोमीटर लंबे पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग पर करीबन डेढ़ माह के बाद ट्रेनों की छुक-छुक सुनने को मिली। तीखे हॉर्न बजाते हुए ट्रेन रेलमार्ग से गुजरी। ट्रेनों के हॉर्न की आवाज सुनकर हर कोई काफी खुश दिखा। रेलगाडिय़ों के गुजरने से रेलवे स्टेशन पर भी कुछ रौनक दिखाई दी। पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग पर दो रेलगाडिय़ों ने मंगलवार से अप-डाउन करना शुरू कर दिया है। पहला दिन होने के कारण सुबह आठ बजकर 55 मिनट पर पठानकोट से चलने वाली रेलगाड़ी में इक्का-दुक्का ही सवारी थी। लोगों को दो रेलगाडिय़ां शुरू होने से राहत जरूर मिली है, लेकिन रेलगाडिय़ों की समयसारिणी सही नहीं होने से यात्रियों को कोई बड़ा फायदा नहीं हो पा रहा है।

लोगों का कहना है कि यदि दो रेलगाडिय़ों ही चलानी हैं, तो दोनों रेलगाडिय़ों के बीच कम से कम छह से सात घंटे का अंतराल डाला जाए, ताकि नूरपुर या पठानकोट व कांगड़ा व बैजनाथ की ओर जाने वाले यात्रियों को उसी दिन वापसी का भी रेल साधन मिल सके। वहीं, किराया बढऩे से एक या दो स्टेशन तक सफर करने वालों के लिए रेल का सफर बस से महंगा हो गया है। लोगों में न्यूनतम किराया दस रुपए से बढ़ाकर तीस रुपए करने से रोष पनपने लगा है। लोगों का तर्क है कि एक या दो स्टेशनों के बीच सफर करने के लिए रेल किराया तीस रुपए है और बस से सफर करने के लिए किराया दस से 25 रुपए के बीच है। नगरोटा सूरियां से लुनसू रेलवे स्टेशन के बीच बरियाल, नंदपुर भटोली, गुलेर व लुनसू चार रेलवे स्टेशन पड़ते हैं और तीनों स्टेशनों के सफर दस रुपए से बढ़कर 30 रुपए हो गया है, जो कि बस के किराए से अधिक है। लोगों ने मांग की है कि पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग पर न्यूनतम किराया तीस रुपए से कम कर दस रुपए ही किया जाए व अधिकतम किराया 50 रुपए ही रहने दिया जाए।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App